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कन्वेंशन सेंटर बन गया तो ये होगा लाभ

केंद्र सरकार का कन्वेंशन सेंटरों के निर्माण पर जोर रहा है। हस्तकला से जुड़े कलाकारों को एक बाजार उपलब्ध कराया है। कई जिलों में निर्माण हुए हैं और कुछ में चल रहे हैं। अलवर में भी इसका प्रस्ताव यूआईटी की ओर से बनाया गया लेकिन कांग्रेस सरकार में ये आगे नहीं बढ़ पाया। उच्चाधिकारियों ने रुचि नहीं ली। प्रस्ताव ठंडे बस्ते में पड़ा है। अब उम्मीद की जा रही है कि प्रदेश की भाजपा सरकार केंद्र सरकार की तर्ज पर ऐसे प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाएगी।

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अलवर

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susheel kumar

Dec 09, 2023

कन्वेंशन सेंटर बन गया तो ये होगा लाभ

कन्वेंशन सेंटर बन गया तो ये होगा लाभ

केंद्र सरकार का कन्वेंशन सेंटरों के निर्माण पर जोर रहा है। हस्तकला से जुड़े कलाकारों को एक बाजार उपलब्ध कराया है। कई जिलों में निर्माण हुए हैं और कुछ में चल रहे हैं। अलवर में भी इसका प्रस्ताव यूआईटी की ओर से बनाया गया लेकिन कांग्रेस सरकार में ये आगे नहीं बढ़ पाया। उच्चाधिकारियों ने रुचि नहीं ली। प्रस्ताव ठंडे बस्ते में पड़ा है। अब उम्मीद की जा रही है कि प्रदेश की भाजपा सरकार केंद्र सरकार की तर्ज पर ऐसे प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाएगी।

ये था 24 करोड़ का प्रस्ताव
करीब 7 माह पहले यूआईटी ने बहरोड़ मार्ग पर कन्वेंशन सेंटर बनाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया था। इस सेंटर के निर्माण पर 24 करोड़ रुपए खर्च होने थे। यूआईटी ने बहरोड़ मार्ग पर बनी एक पेनोरमा के पास सड़क के दोनों ओर जगह देखी थी। सड़क के दोनों ओर बनने वाले सेंटरों को अंडरपास के जरिए जोड़ा जाएगा। ये बड़ा प्रोजेक्ट था और अपने में अलग था। इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाया गया। ट्रस्ट की बैठक में लाया गया लेकिन अफसरों ने इसे आगे बढ़ाने से मना कर दिया। कारण स्पष्ट नहीं किए। उसके बाद यूआईटी के अधिकारियों ने भी उच्चाधिकारियों से इस प्रोजेक्ट की चर्चा नहीं की।

इस तरह जगी उम्मीद
यूआईटी के एक अधिकारी का कहना है कि कन्वेंशन सेंटर के जरिए हाथ की कला में माहिर लोगों को अपने उत्पाद आदि बेचने का यहां अवसर मिलता। साथ ही देशभर के कलाकार भी अपने उत्पाद यहां लेकर आते और उनकी प्रदर्शनी आदि लगाकर लोगों तक उन्हें पहुंचा सकते थे। इस पर काम किया गया लेकिन सफल नहीं हो पाया। अब नई सरकार में उम्मीद बंधी है। इस प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है।