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अब कॉल करने वाला नहीं छिपा सकेगा पहचान, नंबर के साथ आएगा फोटो, जानें ये नई पॉलिसी

अलवर सहित देश के हर तीसरे व्यक्ति के पास मोबाइल है। टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (टीआरएआई) और सरकार एक नई पहल करने जा रही है।

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अलवर

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Kirti Verma

Jan 09, 2024

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अलवर सहित देश के हर तीसरे व्यक्ति के पास मोबाइल है। टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (टीआरएआई) और सरकार एक नई पहल करने जा रही है। इसमें कॉल करने वाले व्यक्ति का नाम फोटो के साथ आपके मोबाइल स्क्रीन पर दिखाई देगा, जिससे मोबाइल के माध्यम से होने वाले बैंक फ्रॉड जैसी घटनाओं पर अंकुश लग सके। क्योंकि इन दिनों मोबाइल कॉलिंग फ्रॉड का नया जरिया बनता जा रहा है। फर्जी मोबाइल नम्बर होने की वजह से कई प्रकार के फ्रॉड की घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। ऐसे लोगों की पहचान बहुत मुश्किल से होती है। अलवर जिले में बीएसएनएल के उपभोक्ता 3 लाख 50 हजार से अधिक हैं। जो इसका उपयोग कर रहे हैं।

सिम और आधार कार्ड के अनुसार होगी केवाईसी
टीआरएआई की ओर से कॉल करने वालों के मोबाइल नम्बर के साथ उनकी फोटो भी दिखाई देगी। इसके लिए सरकार मोबाइल नम्बर केवाईसी शुरू करने जा रही है। केवाईसी दो प्रकार से होगी, जिसमें सिम कार्ड और आधार कार्ड शामिल है। इसमें आधार कार्ड अपने मोबाइल नम्बर से लिंक रहेगा। इसमें जब कोई व्यक्ति किसी को कॉल करेगा तो सामने वाले व्यक्ति के पास सिर्फ मोबाइल नम्बर ही नहीं बल्कि नम्बर के साथ कॉल करने वाले व्यक्ति का चेहरा भी दिखाई देगा। चेहरा आधार कार्ड के अनुसार रहेगा। सिम कार्ड खरीदने के दौरान ही दस्तावेजों के साथ ही फोटो को अटैच होगी। यानी जिस फोटो को सिम खरीदते समय लगाया है। वही फोटो कॉलिंग के दौरान दिखाई देगा।


नई पॉलिसी के आदेश आना शेष
नई पॉलिसी अभी अंडर प्रोसेस में है। जल्द ही ये धरातल पर आएगी। अभी हमारे पास इसके आदेश आने शेष हैं। यह प्रक्रिया बहुत ही सही है।
मनोज तनेजा, जूनियर टेलिकॉम ऑफिसर, बीएसएनएल अलवर

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केवाईसी के ये रहेंगे मापदंड
दूरसंचार विभाग के मापदंड़ों के अनुसार ही केवाईसी होगी। इस प्रक्रिया में टेलिकॉम कंपनियां सभी ग्राहकों से केवाईसी के नाम पर ऑफिशियल नाम और पता दर्ज करवाना होगा। इसके साथ ही वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या फिर बिजली के बिल की रसीद देनी होगी। केवाइसी की नई प्रक्रिया के बाद कॉल करने वाला व्यक्ति अपनी पहचान नहीं छुपा पाएगा। टीआरएआई के नई नियमों के अनुसार सभी के लिए केवाईसी अनिवार्य होगी। नई प्रक्रिया में गैरजरूरी कॉमर्शियल कम्युनिकेशन (यूसीसी) या स्पैम कॉल और मैसेज की समस्या से छुटकारा मिल सकेगा। साथ ही फ्रॉड कॉलिंग को रोकने के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को भी लागू किया गया है।

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