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यूआईटी को ओवरब्रिज की मरम्मत से पहले पुराना हिसाब चुकाना होगा

अलवर शहर के जर्जर तिजारा ओवरब्रिज की मरम्मत तभी हो पाएगी, जब यूआईटी राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम (आरएसआरडीसी) की पूर्व में बकाया राशि चुकाएगी।

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अलवर शहर के जर्जर तिजारा ओवरब्रिज की मरम्मत तभी हो पाएगी, जब यूआईटी राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम (आरएसआरडीसी) की पूर्व में बकाया राशि चुकाएगी। इसके लिए यूआईटी को करीब 50 लाख रुपए देने होंगे। इसके बाद विभाग सर्वे के आधार पर ओवरब्रिज मरमत की लागत का प्रस्ताव तैयार करेगा। यह राशि भी यूआईटी को ही चुकानी होगी। वर्ष 2012-13 में तिजारा ओवरब्रिज का निर्माण आरएसआरडीसी ने करीब 45 लाख में किया था।

निर्माण पूरा होने के बाद इसकी तकनीकी जांच कराई गई, तो कुछ खामियां निकलकर आईं, उसके बाद यूआईटी ने करीब 50 लाख रुपए का भुगतान नहीं किया। इस ओवरब्रिज को आरएसआरडीसी ने हैंडओवर के लिए लिखा, लेकिन यूआईटी ने नहीं लिया और वाहनों का संचालन जनता ने खुद ही शुरू कर दिया, जो अब तक चला आ रहा है। अब दो साल से यह ओवरब्रिज धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है।

साइडों की टाइलों का गैप बढ़ गया है। वहां से मिट्टी, कंक्रीट आदि हर दिन निकल रहा है। कई टाइलें वाहनों के भार से कांप भी रही हैं। यह मामला सार्वजनिक हुआ तो यूआईटी व आरएसआरडीसी में पत्राचार शुरू हुआ, पर अभी मरमत का कार्य नहीं हो पाया। इसमें करीब 6 माह का समय और लग सकता है।

10 लाख रुपए चुकाए

यूआईटी ने ओवरब्रिज की मरम्मत कराने के लिए आरएसआरडीसी को 10 लाख रुपए का भुगतान किया है। आरएसआरडीसी ने यूआईटी से कहा है कि बकाया भुगतान भी किया जाए ताकि ओवरब्रिज की तकनीकी जांच करवाकर मरम्मत करवाई जा सके।

तिजारा ओवरब्रिज निर्माण की बकाया रकम यूआईटी से मांगी गई है। 10 लाख रुपए दिए हैं। बाकी राशि भी जल्द मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा ओवर ब्रिज मरम्मत की लागत भी यूआईटी देगी। -सतीश कुमार, पीडी, आरएसआरडीसी