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Video : #Diwali without crackers : करोड़ों के स्टॉक से दुकानदार चिंतित, कैसे बेचेंगे आतिशबाजी?

जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आतिशबाजी की दुकानें सजती हैं। जिले में 15 से 20 करोड़ का आतिशबाजी का कारोबार तो मात्र दीपावली पर्व पर होता है।

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अलवर

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aniket soni

Oct 11, 2017

diwali without crackers

diwali without crackers

अलवर.

सुप्रीम कोर्ट की ओर से दीपावली पर्व पर होने वाले प्रदूषण को देखते हुए एनसीआर में आतिशबाजी की बिक्री पर लगाए गए प्रतिबंध के चलते बड़े व्यवसायियों के साथ छोटे दुकानदारों के चेहरे पर चिंता की लकीरे नजर आने लगी हैं।







अलवर जिले में प्रति वर्ष दीपावली पर्व पर ही 15 करोड़ का आतिशबाजी का व्यापार होता है। इस साल 31 अक्टूबर तक आतिशबाजी पर रोक होने के कारण आतिशबाजी से जुड़े व्यवसायी सकते में हैं। अलवर जिला मुख्यालय से कई आतिशबाजी के थोक विक्रेता समीपवर्ती जिलों में आतिशबाजी की वस्तुएं विक्रय करते हैं।

इतना माल कहां खपाएंगे?

अलवर में आतिशबाजी की एक अलग मार्केट बनाई जाती है जिसमें 100 से अधिक दुकानदारों को लाइसेंस दिया जाता है। इसी प्रकार जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आतिशबाजी की दुकानें सजती हैं। जिले में 15 से 20 करोड़ का आतिशबाजी का कारोबार तो मात्र दीपावली पर्व पर होता है। दुकानदारों के सामने यह संकट पैदा हो गया है कि दीपावली के ठीक पहले इस प्रतिबंध के चलते वे इस माल का क्या करेंगे जो उन्होंने पिछले 4 माह पहले ही स्टॉक कर लिया था।

आतिशबाजी का काम ही खत्म हो जाएगा

इससे जुड़े दुकानदारों का कहना है कि यदि यही हाल रहा तो आतिशबाजी का काम ही उन्हें खत्म करना होगा। यह प्रतिबंध अलवर जिले में अलगे वर्ष भी लगाया जा सकता है। अलवर एनसीआर क्षेत्र में रहा है जिसके कारण यह प्रतिबंध अब प्रति वर्ष लगेगा। जिले में दीपावली पर्व पर ही नहीं शादी ब्याहों में भी आतिशबाजी करने का चलन बढ़ता जा रहा है। अलवर जिले में देवउठनी ग्यारस पर 31 अक्टूबर को अबूझ सावा है जिस पर अलवर जिले में करीब 2100 से अधिक ब्याह होंगे। ऐसे में इन विवाहों पर होने वाली आतिशबाजी कैसे होगी क्योंकि इन्हें बाजार में आतिशबाजी का सामान ही नहीं मिलेगा।

आतिशबाजी के लाइसेंस निरस्त, लॉटरी भी स्थगित

सुप्रीम कोर्ट की ओर से आगामी ३१ अक्टूबर तक दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में आतिशबाजी बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध के आदेश के चलते अलवर जिले में आतिशबाजी के अस्थाई व स्थाई लाइसेंस आगामी आदेश तक निरस्त किए गए हैं। वहीं इस साल दीपावली पर जिले में अस्थाई तौर पर लगने वाली आतिशबाजी दुकान आवंटन की लॉटरी भी स्थगित कर दी गई है।

अतिरिक्त जिला कलक्टर द्वितीय राजेन्द्र प्रसाद चतुर्वेदी ने बताया कि न्यायालय के आदेशों की पालना में अलवर जिले में आतिशबाजी की बिक्री नहीं हो सकेगी। आतिशबाजी बिक्री के लिए नए लाइसेंस देने की प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है। इसी क्रम में आगामी १३ अक्टूबर को कलक्ट्रेट परिसर में निकाली जाने वाली लॉटरी भी स्थगित कर दी गई है। साथ ही पूर्व में जारी स्थाई लाइसेंस भी आगामी आदेश तक निरस्त रहेंगे।

शहर में हैं चार स्थाई लाइसेंस

जिले में आतिशबाजी के तीस लाइसेंस हैं। इनमें १९ लाइसेंस जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी किए गए हैं। वहीं, 11 लाइसेंस फरीदाबाद व अन्य स्थानों से जारी हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना में जिले के सभी आतिशबाजी के लाइसेंस निरस्त किए गए हैं।

दीपावली के बाद मापेंगे प्रदूषण का मानक


दीपावली के बाद जिले में प्रदूषण का मानक मापा जाएगा, इसके परिणाम से न्यायालय को अवगत कराया जाएगा। हर बार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से शहर में विभिन्न स्थानों पर दीपावली पर प्रदूषण का मानक मापा जाता है। इसमें ज्यादातर स्थानों पर प्रदूषण का स्तर अन्य दिनों से ज्यादा पाया जाता रहा है।

सुप्रीम कोर्ट की ओर से एनसीआर क्षेत्र में आतिशबाजी (पटाखों) की बिक्री पर पूर्णतया प्रतिबन्ध लगाने के कारण 13 अक्टूबर को निकाली जाने वाली लॉटरी व आवंटन प्रक्रिया अग्रिम आदेशों तक स्थगित की गई है।
राजन विशाल, जिला कलक्टर