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रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में परिवारवाद पर क्या बोले नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली?

भाजपा-कांग्रेस भले ही चुनावों में परिवारवाद को दरकिनार करने के दावे करती हो, लेकिन जब टिकट वितरण होता है तो उसमें परिवारवाद की झलक नजर आती है।

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भाजपा-कांग्रेस भले ही चुनावों में परिवारवाद को दरकिनार करने के दावे करती हो, लेकिन जब टिकट वितरण होता है तो उसमें परिवारवाद की झलक नजर आती है। अलवर की रामगढ़ सीट पर हो रहे उप चुनाव में कांग्रेस ने भी सहानुभूति कार्ड खेलने के लिए दिवंगत विधायक जुबेर खान के छोटे पुत्र आर्यन जुबेर को टिकट देने का फैसला कर लिया है। घोषणा होना बाकी है, लेकिन आर्यन ने क्षेत्र में चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है।

इस सीट पर लंबे समय से जुबेर खान विधायक पद पर काबिज रहे हैं। वर्ष 2018 के चुनाव में साफिया जुबेर इस सीट से जीती थी। फिर 2023 में जुबेर जीते, अब उनके निधन के बाद छोटे पुत्र आर्यन को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी है। आर्यन इस क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय हैं। साफिया के चुनाव प्रचार के दौरान भी वे उनके साथ रहे। यही वजह है कि पार्टी उन्हें टिकट दे रही है।

जूली बोले, जुबेर परिवार के अलावा नहीं कोई विकल्प

सवाल .. क्या कांग्रेस के पास जुबेर परिवार के अलावा कोई प्रत्याशी नहीं है ?
उत्तर - नहीं, हमारे पास और कोई प्रत्याशी नहीं है।
सवाल - रामगढ़ सीट पर परिवारवाद एक बड़ा मुद्दा रहा है?
उत्तर - यह परिवारवाद नहीं है। रामगढ़ दिवंगत जुबेर खान की पारंपरिक सीट है, जिस पर अब उनके परिवारों के अन्य सदस्य चुनाव लड़कर भारी मतों से जीतेंगे।

जय आहूजा को मिली थी हार

भाजपा भी पीछे नहीं रही। पिछले साल हुए चुनाव में पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा के भतीजे जय आहूजा को पार्टी ने टिकट देकर अपने ही बनाए मापदंड़ों को तोड़ा था। इस चुनाव में जय तीसरे स्थान पर रहे। अब पार्टी ने उप चुनाव में जय की बजाय सुखवंत को चुनाव मैदान में उतारा है। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में सुखवंत 74 हजार से ज्यादा वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे थे।

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