छात्राओं ने बताया कि हॉस्टल में पानी की मोटर को बंद कर दिया गया है। वार्डन व रसोइये द्वारा बेवजह बालिकाओं को परेशान किया जाता है। अपने लिए तो टैंकर से पानी डलवाया जाता है, लेकिन हमारे लिए कोई इंतजाम नहीं है। इसके चलते तीन दिन से हम नहा भी नहीं पाई। बालिकाएं बीमार हो रही हैं। हमें परिजनों से मिलने नहीं दिया जाता है, जबकि वार्डन अपने परिचितों को दिन रात यहां पर रखा जाता है। छात्राओं ने आरोप लगाया कि छात्रावास की वार्डन मंजू मीणा ने उन पर छात्रावास से बाहर करने का दबाव बनाया है। बहुत सी बालिकाएं दबाव में आकर जा चुकी हैं। बालिकाओं ने दोषियों के खिलाफ सत कार्रवाई की मांग की है। हॉस्टल में 164 सीटें हैं इसमें अभी आधी खाली पड़ी हैं।
विभाग ने कहा- सरकार ने 15 मई तक हॉस्टल खाली करने के दिए थे निर्देश, अब बढ़ाई अवधि पहले सत्र 15 मई तक था। लेकिन गुरुवार शाम को शैक्षणिक सत्र को आगे बढ़ा दिया है। 31 जुलाई तक या परीक्षा होने तक रह सकेंगी। ये आदेश आज ही मिले हैं। अब कोई परेशानी नहीं है। पानी की मोटर सही करवाई जाएगी। पहले प्रति छात्रा 2700 रुपए दिए जा रहे थे, लेकिन अब 1500 रुपए ही दिए जाएंगे।
सीमा कुमारी, जिला अल्पसंयक अधिकारी, अलवर। © 2025 AllRightsReserved.PoweredbySummit