
Court order
अंबिकापुर. शहर के बहुचर्चित निलेश सिंह हत्याकांड के मामले में सोमवार को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश नीरू सिंह ने फैसला सुनाया। गांधीनगर स्थित श्याम बरनई कार्यालय में 15 जून 1993 को निविदा फार्म खरीदने को लेकर निलेश सिंह व भूषण सिंह के साथ जमकर विवाद हुआ था। इस पर भूषण सिंह ने मूछ का हवाला देते हुए उसकी पिटाई कर दी थी।
भूषण सिंह के साथ विनय सिंह, बेला सिंह, सुनील जायसवाल, दारा गुप्ता, अमृत रेलवानी, तरूण सिंह व पुष्पराज सिंह व सूरज सिंह घटना में शामिल थे। निलेश सिंह की जब पिटाई हो रही थी तो उसका फुफेरा भाई अजय सिंह भी वहीं मौजूद था लेकिन विवाद बढ़ता देख वह वहां से भाग गया था।
बाद में गम्भीर रूप से घायल निलेश सिंह को अस्पताल पहुंचाया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। पुलिस ने मामले में सभी के खिलाफ धारा 147, 148, 149 व 302 के तहत जुर्म दर्ज करते हुए गिरफ्तार किया था। सुनवाई के दौरान सूरज सिंह का निधन हो गया था। सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था।
मामले में सुनवाई के दौरान आए साक्ष्य के आधार पर सोमवार को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश नीरू सिंह ने फैसला सुनाया। मामले के मुख्य आरोपी भूषण सिंह को आजीवन कारावास व 100 रुपए के अर्थदंड से दंडित करने का फैसला सुनाया गया। जबकि शेष आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया गया।
साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त
सुनवाई में जो साक्ष्य आए थे उसमें सभी ने मुख्य आरोपी भूषण सिंह का नाम लिया था। शेष आरोपियों की जो शिनाख्ती पुलिस ने कराई थी। उसे भी न्यायालय ने मानने से इंकार कर दिया और संदेह का लाभ देते हुए मुख्य आरोपी के अलावा शेष सभी को दोषमुक्त कर दिया।
'मूछ' के सवाल पर हुआ था विवाद
पुलिस ने जो मामला न्यायालय में पेश किया था उसके अनुसार मुख्य आरोपी ने मृतक निलेश सिंह के घर घटना से एक दिन पूर्व पहुंच फार्म नहीं खरीदने की धमकी दी थी लेकिन वारदात के दिन निलेश सिंह श्याम बरनई कार्यालय पहुंच फार्म खरीद रहा था।
इसकी जानकारी लगने पर भूषण सिंह ने उसे समझाया कि एक दिन पहले जब उसके घर पहुंच फार्म नहीं खरीदने को कहा था तो फार्म क्यों ले रहे हो, तो निलेश सिंह ने कहा कि वह फार्म तो खरीदेगा। इस पर भूषण सिंह ने मूछ का सवाल है कहते हुए मृतक पर रॉड से प्राणघातक हमला कर दिया।
Published on:
30 Oct 2018 12:47 pm
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