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हाथी प्रभावितों से मिलने छत्तीसगढ़ के शिमला पहुंचीं 2 महिला आईएएस व एक आईएफएस

कलक्टर ने बरडांड़ में हाथी प्रभावितों की ली बैठक, ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर जाने की दी समझाइश

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2 women IAS in Mainpat

2 women IAS and a IFS

अंबिकापुर. छत्तीसगढ़ का शिमला के नाम से विख्यात मैनपाट में हाथी प्रभावितों से मिलने 2 महिला आईएएस व एक आईएफएस पहुंची। उन्होंने हाथी प्रभावितों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं जानीं। सरगुजा कलक्टर आईएएस किरण कौशल ने बुधवार को मैनपाट जनपद के हाथी प्रभावित ग्राम पंचायत बरिमा एवं सरभंजा का निरीक्षण कर हाथी प्रभावितों से उन्हें होने वाली क्षति के बारे में पूछताछ की।

उन्होंने हाथी प्रभावितों को दी गई सहायता राशि का सही उपयोग करते हुए अपने रहन-सहन को बेहतर बनाने कहा। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को क्षति होने की स्थिति में संबंधितों को शीघ्र सहायता राशि प्रदान करने निर्देशित किया है।

कलेक्टर ने बरिमा पंचायत के प्राइमरी स्कूल बरडांड़ में स्थानीय ग्रामीणों की बैठक लेकर वस्तु स्थिति की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने समझाइश देते हुए कहा की बरिमा क्षेत्र हाथियों के विचरण क्षेत्र होने के कारण यहां हाथियों का विचरण होता रहता है और घरों को तोडऩे के साथ ही जन-धन को हानि पहुंचाते हैं। हाथियों के बार-बार आगमन एवं होने वाली क्षति से बचाव का स्थायी समाधान पुनर्वास ही है।

कलेक्टर ने कहा कि पुनर्वास के लिए जिला प्रशासन हर संभव सहायता के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि पुराने आवासों को छोड़कर आप लोंगो के पसंद की जगह पर एक साथ सभी के लिए पक्के आवास का निर्माण कराया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कंडराजा के ग्रामीणों ने हाथियों के निरंतर आगमन से बचाव के लिए नये स्थान का चयन कर वहां रहने की सहमति दी, उसी प्रकार बरिमावासियों को भी उपयुक्त स्थान पर बसाया जाएगा, ताकि हाथियों के आगमन से कोई भी परिवार प्रभावित न हो। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ आईएएस नम्रता गांधी व डीएफओ प्रियंका पांडेय भी उपस्थित थीं।


38 हाथी प्रभावितों को दी जाएगी सहायता राशि
बरिमा ग्राम पंचायत के हाथी से प्रभावित 38 परिवारों के लिए वन विभाग द्वारा सहायता राशि का आंकलन किया गया है। प्रशासन द्वारा बरिमा पंचायत के शनि राम, बुलऊ, नान्हू, धनीराम, देवप्रसाद, दीना, राजकुमार, करमू, लटीराम, शिवप्रसाद, मनीराम, इन्द्रदेव, केंदा, फेथऊ, मंत्री, शुक्ला प्रसाद, झुबरी, रामचन्द्र,

रामेश्वर, मंगलू, रमेश, हीरासाय, दलबीर, परबल, मुलारोबाई, गंगाराम, रामसाय, भुनेश्वर यादव, मुन्नीबाई, कंदूराम, गुरूबारी, सांझू, नइहरसाय, नानसाय, संतोष, तानिश, मतियस एवं गंगोत्री को सहायता राशि उपलब्ध कराई जा रही है।


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