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एल्युमिना प्लांट खोलने का भारी विरोध, ग्रामीण बोले- चाहे कुछ भी हो नहीं खुलने देंगे चाइना मॉडल वाला प्लांट

Alumina plant: रैली निकालने के बाद ग्रामीणों ने तहसील का घेराव कर जमकर की नारेबाजी (Slogan), बोले- प्लांट खुलने से कई गांव हो जाएंगे तबाह (devastated)

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Tehsil sorrounded by villagers

Protest of Alumina plant

अम्बिकापुर/बतौली. बतौली विकासखंड के चिरगा में प्रस्तावित एल्युमिना प्लांट खोलने की प्रक्रिया फिर शुरु होने पर ग्रामीण एक बार फिर सड़क पर आ गए हैं। ग्रामीणों ने एल्युमिना प्लांट खोलने के विरोध में गुरुवार को बतौली तहसील का घेराव कर जमकर नारेबाजी की।

ग्रामीणों के प्रदर्शन के कारण नेशनल हाइवे 43 पर आधे घंटे तक जाम जैसी स्थिति रही। प्रशासनिक अधिकारियों के समझाइश के बाद ग्रामीण एनएच पर से हटे। ग्रामीणों ने एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन प्रेषित की और मांग की है कि किसी भी सूरत में यहां एल्युमिना प्लांट न खुले।


ग्रामीणों ने बताया कि अगर यहां एल्युमिना प्लांट खुला तो पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचेगा और कई गांव तबाह हो जाएंगे। बतौली तहसील कार्यालय के घेराव के लिए चिरगा सहित माजा, झररगांव, लैगू, करदना, पहाड़ चिरगा सहित 8 ग्राम के बड़ी संख्या में ग्रामीण चिरगा मोड़ से रैली निकालते हुए 3 किलोमीटर पैदल चलकर शांति पारा बतौली तहसील कार्यालय पहुंचे और यहां घेराव कर दिया।

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ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि चिरंगा में एल्युमिना प्लांट किसी भी शर्त पर नहीं खोलने दिया जाएगा। विरोध प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों का यह भी कहना था कि एल्युमिना फैक्ट्री के लिए 80 से 90 लाख मिलियन क्यूबिक मीटर पानी लगेगा। अगर इतना पानी डिस्चार्ज होगा तो घुनघुट्टा नदी सहित वहां के आसपास के नदी नाले सभी सूख जाएंगे।

IMAGE CREDIT: Protest of Alumina plant

होगा पर्यावरण प्रदूषण
सरगुजा के अधिकांश नदी नाले बरसाती पानी पर निर्भर हैं। कंपनी तो 12 माह एल्युमिना का उत्पादन करेगी, अगर इतना पानी का उपयोग कंपनी करेगी तो नदी नालों व बांध का क्या होगा।

पर्यावरण प्रदूषण के हिसाब से भी यह फैक्ट्री काफी खतरनाक है क्योंकि यह पूरी तरह चाइना मॉडल तकनीक पर आधारित है। इससे ज्यादा प्रदूषण होने के कारण जंगल व उसमें रहने वाले जानवर भी प्रभावित होंगे।

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जनसुनवाई में हुआ था भारी बवाल
ग्राम पंचायत चिरगा में प्रस्तावित एल्युमिना प्लांट के लिए पूर्व में हुई जनसुनवाई में भारी बवाल हुआ था। ग्रामीण इतने आक्रोशित थे कि प्रशासनिक अधिकारियों पर टूट पड़े थे और हाथापाई भी की थी। अब फिर से फैक्ट्री के लिए प्रक्रिया शुरू हो रही है तो ग्रामीण दोबारा विरोध कर रहे हैं।

IMAGE CREDIT: Protest of Alumina plant

ग्रामीणों का कहना है कि इस फैक्ट्री से ग्राम पंचायत चिरंगा सहित माजा, झररगांव, लैगू, करदना, पहाड़ चिरगा सहित अन्य ग्राम शामिल हैं। ये सभी गांव तबाह हो जाएंगे।