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Ambikapur Medical College: एनएमसी की सूची में रेड जोन में अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज, नए सत्र में MBBS की मान्यता पर मंडरा रहा है संकट

Ambikapur Medical College: मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसरों के कई पद हैं खाली, फैकल्टी के अनुरूप 40 प्रतिशत कम हैं संसाधन, भवन भी अधूरा, एनएमसी ने डीन को कमियों को दूर करने के दिए हैं निर्देश

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Ambikapur Medical college

Medical college Ambikapur (Photo- Patrika)

अंबिकापुर. मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर (Ambikapur Medical College) में 40 प्रतिशत फेकल्टी की कमी बनी हुई है। इसलिए इस वर्ष एमबीबीएस की मान्यता पर खतरा मंडरा सकता है। एनएमसी (नेशनल मेडिकल कमीशन) के सर्वे में मेडिकल कालेज में सेटअप के अनुरूप प्राध्यापक, एसोसिएट तथा असिस्टेंट प्रोफेसरों की पोस्टिंग कम है। इसकी वजह से इस साल अंबिकापुर मेडिकल कालेज को रेड जोन में रखकर कमियों को दूर करने के निर्देश डीन को दिए गए हैं।

अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज (Ambikapur Medical College) की मान्यता वर्ष 2016 में मिली थी। फिर वर्ष 2017 व 2019 में जीरो ईयर घोषित कर दिया गया था। वहीं वर्ष 2024-25 के बाद अब नए सेशन वर्ष 2025-26 की शुरूआत होने वाली है। इसके लिए नोटिफिकेशन व काउंसिलिंग के बाद प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी। लेकिन इस वर्ष मान्यता पर खतरा मंडरा सकता है।

(नेशनल मेडिकल कमीशन) के सर्वे में मेडिकल कालेज में प्राध्यापक व एसोसिएट व असिस्टेंट प्राध्यापकों की कमी पाई गई है। प्रोफेसरों की कमी लगभग 40 प्रतिशत है। इसलिए एनएमसी ने अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज को रेड जोन में रखा है।

वहीं एनएमसी ने मेडिकल कॉलेज (Ambikapur Medical College)प्रबंधन को कमियों को दूर करने के निर्देश दिए हैं। जबकि नामांकन प्रक्रिया सिर पर है। काउंसिलिंग के बाद नामांकन प्रकिया शुरू हो जाएगी।

वर्चुअली निरीक्षण कर चुकी टीम

एनएमसी (नेशनल मेडिकल कमीशन) की टीम ऑनलाइन मेडिकल कॉलेज (Ambikapur Medical College) का निरीक्षण कर चुकी है। इसमें प्रोफेसरों की कमी पाई गई है। नए सत्र की शुरूआत सितंबर से होने वाली है। इससे पूर्व कमियों को दूर करने के निर्देश दिए गए हैं। कमियां दूर होने के बाद ही मान्यता दिए जाने की बात कही गई है।

पिछले वर्ष 125 सीटों पर हुआ था प्रवेश

वर्ष 2024-25में एमबीबीएस (Ambikapur Medical College) के 125 सीटों पर प्रवेश की मान्यता मिली थी। इस वर्ष प्रोफेसरों की कमी 40 प्रतिशत से अधिक है। ऐसी स्थिति में सीटों की संख्या में भी कमी आ सकती है। 15 से 20 जुलाई तक एनएमसी द्वारा मान्यता संबंधी पत्र आना है।

कॉलेज भवन का काम 40 प्रतिशत अधूरा

मेडिकल कॉलेज (Ambikapur Medical College) भवन का निर्माण कार्य अभी भी अधूरा है। मान्यता मिलने के 9 साल बाद भी खुद का भवन नहीं बन सका है। इससे मेडिकल कॉलेज जिला चिकित्सालय भवन में संचालित है। गंगापुर में बन रहे भवन का काम 40 प्रतिशत अधूरा है। फंड की कमी से काम पूर्ण नहीं हो सका है। हालांकि शासन द्वारा 98 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। लेकिन टेंडर नहीं होने से काम अटका हुआ है।

Ambikapur Medical College: ये है प्रोफेसरों की स्थिति

पद आवश्यकता उपस्थित
प्रोफेसर 21 13
एसोसिएट 35 22
असि. प्रो 50 40

कमियों को दूर करने की कर रहे हैं कोशिश- डीन

अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज (Ambikapur Medical College) अस्पताल के डीन डॉ. अविनाश मेश्राम का कहना है कि छत्तीसगढ़ के कई मेडिकल कॉलेज रेड जोन में हंै। इनमें अंबिकापुर भी शामिल है। कमियों को दूर करने की कोशिश की जा रही है। मान्यता पर असर नहीं पड़ेगा। सेटअप के अनुरूप प्रोफेसरों की कमी दूर करने की कोशिश की जा रही है।