
Newborn child
अंबिकापुर/रघुनाथपुर. लुंड्रा विकासखंड के ग्राम पंचायत असकला स्थित भेड़ीडांड़ में गुरुवार की सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया, जब ग्रामीणों ने आंगनबाड़ी के दरवाजे पर नवजात को रोते देखा। जन्म लेते ही निर्दयी मां ने उसे वहां छोड़ दिया था। नवजात बालक है। इसकी सूचना तत्काल गांव वालों ने रघुनाथपुर चौकी में दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और 108 के माध्यम से मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां नवजात को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है।
कोई मां इतनी निर्दयी कैसे हो सकती है। नवंबर की ठंड में एक दिन के नवजात को खुले आसमान के नीचे छोड़ देना किसी दरींदगी से कम नहीं है। ऐसा ही एक मामला गुरुवार को सरगुजा जिले के लुंड्रा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत असकला के भेड़ीडांड़ से प्रकाश में आया है।
आंगनबाड़ी केंद्र के दरवाजे पर एक निर्मोही मां ने अपने नवजात को ठंड में ठिठुरता छोड़ दिया। गुरुवार की सुबह करीब 5 बजे से जब गांव के लोगों की आवाजाही शुरु हुई तो बच्चे की रोने की आवाज उन्होंने सुनी। वे दौड़कर जब आंगनबाड़ी केंद्र के दरवाजे पर पहुंचे तो नवजात को वहां पड़ा देखा। ठंड से नवजात कांप रहा था।
यह बात तत्काल जंगल में लगी आग की तरह इलाके में फैल गई। जिस किसी के कानों तक यह बात पहुंची, वह दौड़ता हुआ बच्चे को देखने पहुंच गया। धीरे-धीरे गांव में काफी लोगों की भीड़ जुट गई। इसकी सूचना सरपंच पति द्वारा रघुनाथपुर चौकी पुलिस को दी। सूचना मिलते ही चौकी प्रभारी धनंजय पाठक अन्य पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे।
उन्होंने संजीवनी 108 के माध्यम से नवजात को तत्काल अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया। यहां डॉक्टरों की देखरेख में इसका इलाज चल रहा है। फिलहाल नवजात की हालत ठीक बताई जा रही है।
नहीं चल सका मां का पता
पुलिस की अब तक की जांच में नवजात के मां का पता नहीं चल सका है। पुलिस संभावना जता रही है कि अलसुबह उसे उसकी मां ने आंगनबाड़ी केंद्र के दरवाजे पर छोड़ा होगा। लोगों का कहना है कि अवैध संबंध के बाद लोक लाज के भय से किसी ने इस तरह के घिनौने कृत्य को अंजाम दिया है। पुलिस मामले की विवेचना कर रही है।
Updated on:
16 Nov 2017 03:41 pm
Published on:
16 Nov 2017 03:40 pm
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