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अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में मंच से हटाई कुर्सी, कार्यक्रम छोडक़र चले गए कुलसचिव, बोले- अपमानित महसूस हुआ

Controversy: संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय में चल रहा अंतरकलह फिर हुआ उजागर, दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफे्रंस में पहले मंच पर नेम प्लेट के साथ लगाई गई थी कुलसचिव की कुर्सी, बाद में हटा दी गई

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अंबिकापुर. Controversy: संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय अपनी कार्यप्रणालियों को लेकर अक्सर चर्चा में रहा है। ताजा मामला विवि द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय कांफे्रस के कार्यक्रम में शनिवार को देखने को मिला। इसमें विवि का अंतरकलह फिर उजागर हो गया। दरअसल कांफ्रेंस का दा ेदिवसीय कार्यक्रम शहर के एक होटल में आयोजित हो रहा है। पहले दिन मंच पर कुलसचिव के नेम प्लेट के साथ कुर्सी लगाई गई थी। उन्हें बैठने बुलाया गया। इसी बीच किसी ने उनकी कुर्सी मंच से हटाकर नीचे लगा दी। यह देख कुलसचिव बीच में ही कार्यक्रम छोडक़र चले गए। उनका कहना था कि इस रवैय्ये से उन्होंने खुद को अपमानित महसूस किया, इस वजह से ऐसा कदम उठाना पड़ा।


गौरतलब है कि शनिवार को संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय का दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस का शुभारंभ हुआ। कांफे्रंस का विषय ‘ऑन एडवांसमेंट इन साइंस, मैनेजमेंट, टेक्नोलॉजी, सोशल साइंस एण्ड ह्यूमेनिटिज’ था। कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के कुल सचिव विनोद एक्का की कुर्सी मंच से हटाकर दूसरी जगह कर दिया गया।

दरअसल अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में मुख्य वक्ता के रूप में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के भूतपूर्व डीन प्रो. बलदेव राज गुप्ता ने प्रबंधन एवं विज्ञान के क्षेत्र में उन्नति को वर्तमान समय में प्रचलित वैश्विक समस्याओं के निराकरण हेतु एक मात्र विकल्प बताया। उन्होंने 1755 में आए बडे भूकम्प के पश्चात पूर्तगाल, जर्मनी, स्वीडैन एवं अन्य देशों द्वारा प्रबंधन के क्षेत्र में शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना एवं रूस यूक्रेन यूद्ध के फलस्वरूप भारत-रूस के बीच आर्थिक संबंधों का जिक्र करते हुए प्रबंधन के महत्व को समझाया।

उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. अशोक सिंह ने की। उन्होंने कहा कि संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय, सरगुजा अकादमिक एवं शोध संबंधित गतिविधियों में तेजी लाने की ओर अग्रसर है। आदिवासी बहुल्य सरगुजा क्षेत्र में उच्च शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से इस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया है।

उन्होंने आगे कहा कि विश्वविद्यालय शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने हेतु प्रतिबद्ध हंै एवं इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य एवं अन्य राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर के उच्च शिक्षण संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों से अनुबंध किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि यह सरगुजा का ऐसा पहला अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस है जिसमें अमेरिकन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेन्ट एण्ड टेक्नोलॉजी (एआईएमटी), यूनिवर्सिटी ऑफ मेरीलैंड ईस्टर्न शोर एवं ग्लोबल नालेज फाउंडेशन, अमेरिका प्रत्यक्ष रूप से विश्वविद्यालय के सहभागी रहे।

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अपमानित महसूस होने पर कार्यक्रम छोड़ा
संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय सरगुजा आंतरिक कलह को लेकर अक्सर विवादों में रहा है। पूर्व में 2 कुलपति की कुर्सी की लड़ाई न्यायालय भी पहुंच चुकी है। वहीं आंतरिक कलह एक बार फिर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में देखा गया। कांफें्रस शुरू होने से पूर्व मंच पर कुलसचिव विनोद एक्का की बैठने की व्यवस्था की गई थी।

इनकी सीट पर नेम प्लेट भी लगा था। कार्यक्रम शुरू होने पर अतिथियों को मंच ग्रहण करने का आग्र्रह किया गया। मंच ग्रहण करने के लिए कुलसचिव को भी बोला गया तभी अचानक उनकी कुर्सी वहां से हटवा दी गई। उनके बैठने के लिए दूसरी जगह व्यवस्था कर दी गई। इससे कुलसचिव ने खुद को अपमानित महसूस किया व कार्यक्रम छोडक़र चले गए।


इन्होंने दिए व्याख्यान
कार्यक्रम में हेमचन्द यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग की कुलपति प्रो. अरूणा पल्टा भी कार्यक्रम में ऑन लाइन माध्यम से जुड़ीं। उन्होंने इस कांफ्रेंस को सरगुजा क्षेत्र के लिए मील का पत्थर बताया।

कार्यक्रम में नई दिल्ली से आए डॉ. जयन्त विश्वास, बहरामपुर विश्वविद्यालय, ओडिशा से डॉ. तमोग्नो आचार्य, भुवनेश्वर से आई हुर्इं डॉ. तृप्ति स्वर्णकार, विश्वविद्यालय वानिकी महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आरएन खरे, केन्द्रीय विश्वविद्यालय, लखनउ से आए डॉ. सुभाष यादव, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर से डॉ. हरित झा, यूनिवर्सिटी ऑफ मेरीलैण्ड से डॉ. दिनेश शर्मा, डॉ. कैथरिन एवं डॉ. केन्दिस रिडलान, बोतस्वाना से डॉ. आर शिवासामी, फेटेविले यूनिवर्सिटी अमेरिका से डॉ. डेनियल एवं कनाडा से डॉ. अमिताभ सिंह ने विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिए।


प्राप्त हुए हैं 15 देशों सहित विभिन्न राज्यों से शोधपत्र
कार्यक्रम में ग्लोबल नालेज फाउंडेशन अमेरिका के प्रतिनिधि के रूप में अटल बिहारी बाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर से पधारे प्रो. एचएस होता ने बताया कि इस कांफ्रेंस में अमेरिका, कुवैत, ओमान, स्वीडन समेत कुल 15 विभिन्न देशों से एवं भारत के विभिन्न राज्यों से शोध पत्र प्राप्त हुए हैं।

वहीं कार्यक्रम में संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय में कम्प्यूटर साइंस के विभागाध्यक्ष हरिशंकर प्रसाद तोण्डे ने बताया कि इस कांफ्रेंस में 440 लेखकों के कुल 252 शोध पत्र पढ़े जाएंगे एवं 23 आमंत्रित वक्तव्य कुल 15 तकनीकी सत्रों के माध्यम से पूर्ण किए जाएंगे।


अपमानित महसूस हुआ
कार्यक्रम विश्वविद्यालय का था। किसी व्यक्ति विशेष का नहीं था। कार्यक्रम के दौरान मंच से मेरी जगह हटा दी गई। मुझे अपमानित महसूस हुआ। इस दौरान मैं कार्यक्रम छोडक़र वापस चला आया।
विनोद एक्का, कुलसचिव, संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय


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