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21 मासूमों की जान लेने के साथ ही मलेरिया ने 26 पहुंचा दिया मौत का आंकड़ा

हालात नियंत्रण के दावों के बीच चांदनी-बिहारपुर क्षेत्र में फिर मलेरिया से एक 12 वर्षीय मासूम की मौत

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innocent relatives crying

crying relative

सूरजपुर. जिले के दूरस्थ वनांचल चांदनी-बिहारपुर क्षेत्र के ग्रामों में लाख प्रशासनिक दावों के बावजूद मलेरिया और बुखार पीडि़तों को राहत नहीं मिल पा रही है। क्षेत्र के ग्राम लुल्ह में सोमवार को 12 वर्षीय बालक की मौत होने के बाद इन दो महीनों में मलेरिया व बुखार से मरने वालों की संख्या 26 पहुंच गई है। इसमें सर्वाधिक बच्चे शामिल हैं, जिनकी संख्या 21 है।


गौरतलब है कि जिले के ओडग़ी तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत खोहिर के आश्रित ग्राम लुल्ह निवासी श्रीकांत चेरवा के 12 वर्षीय पुत्र बसंत चेरवा विगत चार दिनों से मलेरिया बुखार से पीडि़त था। ग्राम लुल्ह में उपचार और आवागमन के साधनों की व्यवस्था न होने के कारण ग्रामीण परिजन घर में ही देशी इलाज कर रहे थे।

सोमवार को मृतक बसंत चेरवा की हालत ज्यादा खराब हो गई और उसने घर में ही दम तोड़ दिया। इस मौत के बाद क्षेत्र में मृतकों की संख्या का आंकड़ा 26 पहुंच गया है, जिसमें ० से 16 वर्ष तक के बच्चों की संख्या 21 है।


पूर्ण नियंत्रण के दावे की खुल रही पोल
चांदनी बिहारपुर क्षेत्र में दो महीने पूर्व फैले मलेरिया का प्रकोप अभी भी कई ग्रामों में कायम है। लेकिन प्रशासनिक स्तर पर क्षेत्र की स्थिति को पूरी तरह से नियंत्रित मानते हुए स्वास्थ्य अमला ने यहां ध्यान देना बंद कर दिया है। स्वास्थ्य व्यवस्था का आलम यह है कि चांदनी बिहारपुर क्षेत्र के लिए आबंटित संजीवनी एक्सप्रेस 108 कैम्प हटाने के बाद से ही नदारद है। वहीं महुली में शुरू किया गया उपस्वास्थ्य केन्द्र विगत चार दिनों से बंद पड़ा है।

चांदनी बिहारपुर से सीधे सम्पर्क व सड़क मार्ग होने के बावजूद जब महुली और कोल्हुआ में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति का यह आलम है तो पहुंचविहीनता का दंश झेलने वाले ग्रामों में स्वास्थ्य सुविधा कैसी होगी इसका आंकलन आसानी से किया जा सकता है।


नियमित चिकित्सक व 108 की उठी मांग
क्षेत्र में मौतों का सिलसिला न रूकने से परेशान ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों ने जिले के कलक्टर का ध्यान आकर्षित कराते हुए बिहारपुर स्थित स्वास्थ्य केन्द्र में दो नियमित चिकित्सक की व्यवस्था और स्थायी रूप से चांदनी बिहारपुर क्षेत्र के लिए 108 एम्बुलेंस की मांग की है। उन्होंने बताया कि हाल ही में हुई दो मौतों को सुविधा मुहैया होने पर रोका जा सकता था। ग्रामीणों ने क्षेत्र के सभी ग्रामों में जमीनी स्वास्थ्य अमले को सक्रिय रखने और सतत मॉनिटरिंग करने की मांग भी की है


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