
Mud road
अंबिकापुर. शासन-प्रशासन में बैठे लोग ग्रामीण क्षेत्रों में सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने का लाख दावा कर लें लेकिन कई जगहों पर हकीकत इसके उलट होती है। ग्रामीण कभी सड़क के लिए तरसते हैं तो कभी पानी के लिए। परेशानियों के बीच वे जीवन से लड़ते रहते हैं, उनकी सुनने वाला कोई नहीं होता है।
ऐसा ही एक मामला वर्षों से अंबिकापुर शहर से लगे ग्राम लोधिमा के डांड़पारा व चिटकीपारा की सड़क का है। बारिश के दिनों में दोनों ही सड़कें कीचड़ (Mud road) से सन जाती हैं। यहां से गुजरना हर किसी के लिए कठिन होता है। स्कूली बच्चों के लिए यह डगर तो और तकलीफदेह होती है। बच्चे कभी इसमें फिसलकर गिर जाते हैं तो कभी कीचड़ लगे डे्रस में ही स्कूल पहुंचते हैं।
शहर से लगे ग्राम लोधिमा के डांड़पारा, चिटकीपारा की सड़कों (Mud road) का बुरा हाल है। हाल ऐसा है कि गाडिय़ां तो दूर की बात, पैदल चलना भी दूभर हो गया है। सबसे ज्यादा परेशानी तो स्कूली बच्चों को होती है। कीचड़ से सनी सड़क से आने-जाने के दौरान हर दिन डे्रस तो गंदे होते ही हैं, कोई न कोई बच्चा फिसलकर गिर जाता है।
सड़क (Mud road) की वजह से बच्चे रोज स्कूल जाने से भी परहेज कर रहे हैं। वहीं महिलाओं, कामकाजी लोगों व ग्रामीणों को भी आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अगर इस गांव में किसी की तबियत खराब हो जाए तो उसे समय पर अस्पताल ले जाना काफी मुश्किल है।
जिम्मेदारों की नींद नहीं टूटी
इस सड़क (Mud road) से तो मरीज को ले जाना नामुमकिन है। ग्रामीणों वर्षों से इस समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन आज तक जिम्मेदारों की नींद नहीं टूटी है, जबकि यह सड़क कई गांवों को जोड़ती है। ग्राम सभाओं में भी सड़क की समस्या कई बार रखी गई, लेकिन कोई हल नहीं निकला। जनप्रतिनिधि भी सिर्फ चुनाव में वादा करके भूल जाते हैं।
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Published on:
13 Jul 2019 02:44 pm
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