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Collector in farmer dress: किसान की वेशभूषा में कलेक्टर पहुंचे धान खरीदी केंद्र, नहीं पहचान पाया कोई, जब पता चला तो रह गए हैरान

Collector in farmer dress: करीब एक घंटे तक खरीदी केंद्र में घूमते रहे कलेक्टर, समिति प्रबंधकों को दी चेतावनी, कहा- काम में लापरवाही की तो होगी कड़ी कार्रवाई, सहकारी बैंक में भी किसान के साथ लाइन में लगकर निकाले पैसे, देखी बैंकिंग व्यवस्था

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Collector in farmer dress

Collector reached in Paddy procurement center

अंबिकापुर। धान खरीदी की शुरूआत 14 नवंबर से शुरू हो गई है। खरीदी केंद्र से अब तक कई गड़बडिय़ां सामने आ चुकी हैं। इसी बीच गुरुवार को सरगुजा कलेक्टर विलास भोसकर किसान की वेशभूषा (Collector in farmer dress) में सीतापुर के पेटला स्थित धान खरीदी केंद्र पहुंचे। सीतापुर एसडीएम रवि राही के साथ बाइक में सवार होकर धान खरीदी केंद्र पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले लाइन में लगकर टोकन प्रक्रिया का अवलोकन किया। लगभग 1 घंटे पूरे खरीदी केंद्र का भ्रमण करते रहे। समिति प्रबंधक, कर्मचारियों सहित खरीदी केंद्र में उपस्थित किसी ने भी कलेक्टर को इस रूप में नहीं पहचाना।

कलेक्टर ने किसानों के साथ कर्मचारियों के व्यवहार का आंकलन किया। इसके साथ ही उन्होंने किसानों से भी बात की। वहीं फड़ में धान की तौलाई करवाकर, तौल पत्रक की पोर्टल में ऑनलाइन एंट्री करवाई। बाद में जब बताया गया कि ये कलेक्टर हैं तो सभी हैरान (Collector in farmer dress) रह गए।

कलेक्टर ने समिति प्रबंधक को निर्देशित करते हुए कहा कि किसानों को खरीदी केंद्र में किसी भी प्रकार की समस्या ना हो इसका ध्यान रहे। पूरी धान खरीदी प्रक्रिया के दौरान चौकन्ने रहें, कोचियों-बिचौलियों पर निगरानी रखें। किसी भी प्रकार की लापरवाही पर कार्रवाई के लिए तैयार रहें।

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Collector in farmer dress: सहकारी बैंक से लाइन में लगकर निकाले पैसे

धान खरीदी के निरीक्षण के पश्चात कलेक्टर सहकारी बैंक सीतापुर पहुंचे। धान बेचने के पश्चात पैसे निकालने लाइन में लगे किसानों के साथ कलेक्टर (Collector in farmer dress) स्वयं लाइन में लग गए और पूरी प्रक्रिया का अवलोकन किया। उन्होंने एक किसान के खाते से पैसे निकालकर गिनकर देखा। उन्होंने नया पासबुक बनाने हेतु फॉर्म लिया तथा इसके सम्बन्ध में जानकारी ली।

बैंक शाखा प्रबंधक को दिए ये निर्देश

निरीक्षण पश्चात कलेक्टर (Collector in farmer dress) ने किसानों से चर्चा करते हुए बैंक की व्यवस्थाओं के संबंध में फीडबैक लिया तथा समस्याएं पूछीं।

उन्होंने शाखा प्रबंधक को निर्देशित किया कि धान बेचने के उपरांत किसानों के खाते में राशि के अंतरण या अन्य बैंकिंग कार्य में कोई दिक्कत न हो। कर्मचारियों का व्यवहार किसानों के प्रति अच्छा रहे।


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