इसके बाद 15 हाथियों का दल वहां पहुंचा और लाश को फुटबॉल की तरह खेला। इससे शव के टुकड़े-टुकड़े हो गए। घटना के दौरान उसके भतीजे ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। सूचना पर वन अमला मौके पर पहुंचा तो ग्रामीणों में आक्रोश देखा गया।
ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग द्वारा गांव की ओर हाथियों के आने की सूचना उन्हें नहीं दी जाती है। इधर वन विभाग ने मृतक के परिजन को तात्कालिक सहायता राशि के रूप में 25 हजार रुपए प्रदान किए। गौरतलब है कि हाथियों ने 2 महीने पहले मृतक की बेटी को भी मार डाला था।
सूरजपुर जिले भैयाथान विकासखंड अंतर्गत ग्राम धरमपुर के बांधपारा निवासी रामुंद्र राजवाड़े 52 वर्ष मंगलवार की शाम अपने 14 वर्षीय भतीजे के साथ पास के ही गांव से साइकिल से लौट रहा था। इसी दौरान गांव में पहुंचे एक हाथी ने दोनों को घेर लिया।
यह देख भतीजा तो किसी तरह भाग निकला लेकिन रामुंद्र राजवाड़े को हाथी ने सूंड से उठाकर जमीन पर पटक दिया और कुचलकर जान (Elephant killed villager) ले ली। इसके बाद घटनास्थल से लगे बुंदिया जंगल से 15 हाथियों का दल वहां पहुंचा और लाश को फुटबॉल (dead body play like football) बनाकर खेला। इससे शव के टुकड़े-टुकड़े हो गए। इसकी सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग को दी।
2 घंटे बाद पहुंचा वन अमला
ग्रामीणों की सूचना पर करीब 2 घंटे बाद वन अमला गांव में पहुंचा। यह देख ग्रामीणों का गुस्सा और भडक़ गया। पहले उन्होंने वहां से हाथियों को खदेडक़र शव बरामद किया। इधर ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग द्वारा गांव में हाथियों के आने की न तो सूचना दी जाती है और न हाथियों की निगरानी की जाती है।
ग्रामीणों की सूचना पर करीब 2 घंटे बाद वन अमला गांव में पहुंचा। यह देख ग्रामीणों का गुस्सा और भडक़ गया। पहले उन्होंने वहां से हाथियों को खदेडक़र शव बरामद किया। इधर ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग द्वारा गांव में हाथियों के आने की न तो सूचना दी जाती है और न हाथियों की निगरानी की जाती है।
इससे आए दिन क्षेत्र में घटनाएं हो रही हैं। यही नहीं, यदि वन कर्मचारियों को उनके द्वारा फोन किया जाता है तो वे उनके साथ अभद्र व्यवहार करते हैं। बुधवार को वन विभाग द्वारा मृतक के परिजन को तात्कालिक सहायता राशि के रूप में 25 हजार रुपए प्रदान किए गए।
2 महीने पहले बेटी को उतारा था मौत के घाट
हाथियों के दल ने ग्राम कोटेया में 2 महीने पूर्व मृतक रामुंद्र राजवाड़े की बेटी को भी कुचलकर मार डाला था। इस दौरान मृतक की बेटी महुआ बीनने गई थी।
ग्रामीणों का आरोप गलत
देर रात ग्राम बुंदिया के बांधपारा में हाथियों का उत्पात थमने के बाद बुधवार की सुबह शव को बरामद किया गया। ग्रामीणों द्वारा लगाया गया आरोप गलत है। लॉकडाउन के दौरान भी ग्रामीण घरों से बाहर निकल रहे हैं। हमारे द्वारा हाथियों के गांव की ओर आने की सूचना लगातार ग्रामीणों को देकर सतर्क किया जाता है।
एस. खान, रेंजर, सूरजपुर वन परिक्षेत्र