
Elephants broken house in Mainpat
अंबिकापुर/मैनपाट. छत्तीसगढ़ के शिमला के नाम से विख्यात मैनपाट (Mainpat) में हाथियों का कहर जारी है। 24 जून की रात गौतमी दल के 9 हाथियों ने जंगल में लगे सोलर फेंसिंग पर पेड़ गिरा दिया। इसके बाद वे कंडराजा पंचायत के 2 गांवों में घुस गए और जमकर तांडव मचाया।
हाथियों के दल ने 22 घरों को तोड़कर तहस-नहस कर दिया। अब भरी बारिश में सिर छिपाने इन 22 ग्रामीणों के परिवार को आंगनबाड़ी व स्कूल में शरण लेना पड़ रहा है। इधर वन विभाग द्वारा हाथियों को जंगल के भीतर ही रोकने के सभी उपाय ध्वस्त नजर आ रहे हैं।
मैनपाट वन परिक्षेत्र में गौतमी हाथी का दल पिछले 2 महीने से जमकर उत्पात मचा रहा है। आए दिन हाथियों का दल अलग-अलग इलाकों में विचरण कर घरों व फसलों को जमकर नुकसान पहुंचा रहे हैं। अभी बारिश का मौसम शुरू हो गया है, ऐसे में हाथियों के उत्पात से ग्रामीण दोहरी परेशानी झेल रहे हैं।
हाथियों द्वारा घर तोड़े जाने से बारिश से बचने कोई ठिकाना ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। इसी कड़ी में गुरुवार की रात हाथियों के दल ने बरडांड़ में 16 व मेढरढाब में 6 घरों को तोड़ डाला। रात में ग्रामीण किसी तरह परिवार सहित जान बचाकर भागे। हाथियों ने पूरी रात उत्पात मचाया। 22 परिवार बेघर हो गए।
अब तक हाथियों के उत्पात से 54 परिवार बेघर हो चुके हैं। उनके समक्ष अपना सिर छिपाने की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। वहीं वन विभाग द्वारा हाथियों को रोकने सोलर फेंसिंग सहित अन्य उपाय पूरी तरह से फेल नजर आ रहे हैं।
हाथियों ने इन ग्रामीणों के तोड़े घर
हाथियों ने जिन ग्रामीणों के घरों को ढहा दिया है, उनमें संतराम, प्रेम, जयनाथ, बालक, रामजी, रामलाल, एतवारी, रामनरेश, कविता, रामप्रकाश, उमेश, नंदलाल, भुवनेश्वर, बाबा, उमाकांत, बिलासो, कृष्णा, सुग्रीव, नारद, लोकसाय, छवन व धनु शामिल हैं।
Published on:
25 Jun 2021 11:38 pm
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