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मैनपाट में हाथी हर दिन तोड़ रहे घर, आशियाना उजड़ चुके परिवारों की कोई नहीं ले रहा सुध

Elephants in Mainpat: आंगनबाड़ी में भेड़ बकरियों की तरह रहने को विवश है कई परिवार (Family), बीती रात हाथियों ने और तोड़ डाले 7 घर

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Elephants havoc in Mainpat

Elephants broken house and effected in Anganbadi

अंबिकापुर/मैनपाट. मैनपाट में गौतमी दल के 9 हाथियों का तांडव (Elephants havoc) जारी है। हाथियों ने कंडराजा पंचायत के बरडांड़ में शनिवार की रात 7 और ग्रामीणों के घर तोड़ डाले। हाथियों ने पिछले 2 महीने में बरडांड़ व बरवावली गांव के 65 परिवारों का आशियाना उजाड़ दिया है।

इन परिवारों को चोरकीपानी स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में वन विभाग द्वारा ठहराया गया है। यहां भारी अव्यवस्था के बीच हाथी प्रभावित परिवार रहने को विवश हैं। इन परिवारों की सुध न तो जनप्रतिनिधि ले रहे हैं और न ही प्रशासन। इस मामले में प्रशासन की निष्क्रियता समझ से परे है।

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छत्तीसगढ़ के शिमला के नाम से विख्यात मैनपाट के कंडराजा पंचायत में हाथियों का कहर लगातार जारी है। गौतमी दल के 9 हाथी रात में कंडराजा के बरडांड़ व बरवावली गांव में पहुंचते है और तांडव मचाकर चले जाते हैं। हाथियों के भय से परिवार घर छोड़कर निकल जाते हैं, ऐसे में हाथी उनके घरों को तहस-नहस कर डालते हैं।

IMAGE CREDIT: Elephants havoc

शनिवार की रात हाथियों ने 7 ग्रामीणों के घर तोड़ डाले। हाथियों ने अकेले बरडांड़ गांव में ही 2 दर्जन लोगों के घर तोड़े हैं। पिछले 2 महीने में हाथियों ने 65 घर तोड़कर वहां रह रहे परिवारों को बेघर कर दिया है।

रात में जिन 7 ग्रामीणों का घर हाथियों ने तोड़ा है उनमें धीरज यादव, लोकनाथ यादव, अमरनाथ यादव, केदार यादव, तेजू यादव, भोला यादव व रामलाल यादव शामिल हैं।

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आंगनबाड़ी केंद्र में रहने को विवश
हाथियों द्वारा आशियाना उजाड़े जा चुके बरडांड़ व बरवावली गांव के लोगों को वन विभाग द्वारा चोरकीपानी स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में रखा गया है।

IMAGE CREDIT: Elephants in Mainpat

बताया जा रहा है कि यहां अव्यवस्था के बीच ग्रामीण अपने परिवार के साथ जैसे-तैसे रह रहे हैं। वन विभाग द्वारा इसका नाम 'आंगनबाड़ी सह हाथी संकट प्रबंधन केंद्र' रखा गया है। इसके अलावा हाथी प्रभावित कोरवा परिवार भी रात में अव्यवस्था के बीच यहीं रहते हैं।


तांडव मचाकर धरमजयगढ़ चले जाते हैं हाथी
गौतमी दल के 9 हाथी रात में बरडांड़ व बरवावली गांव में पहुंचते हैं और घरों को तोड़कर अलसुबह रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ जंगल की ओर निकल जाते हैं। गौरतलब है कि हर साल हाथी इसी रूट से यहां आते हैं और अपने रास्ते में पडऩे वाले घरों को तहस-नहस कर डालते हैं।

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करीब 4 साल पूर्व हाथियों ने कंडराजा पंचायत के पटेलपारा स्थित घरों उजाड़ डाला था। ऐसे में तात्कालीन कलक्टर की पहल पर बरडांड़ में कॉलोनी बनवाकर प्रभावितों को बसाया गया था। अब हाथी यहां भी तांडव (Elephants havoc) मचा रहे हैं।


न तो जनप्रतिनिधि और न प्रशासन ले रहा खोज-खबर
बारिश सिर पर है और हाथियों द्वारा दर्जनों परिवारों का आशियाना उजाड़ा जा चुका है। ऐसे में प्रभावित परिवार आने वाले दिनों में अपने ठौर-ठिकाने को लेकर संशय में है। इधर जनप्रतिनिधियों व प्रशासन द्वारा भी उनकी सुध नहीं ली जा रही है। अव्यवस्था के बीच जैसे-तैसे वे रहने को विवश हैं।


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