
Engineering College Lakhanpur
अंबिकापुर. ‘ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पर रोना आया, जाने क्यंू आज तेरे नाम पर रोना आया’ बेगम अख्तर की पंक्तियां संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय प्रशासन पर चरितार्थ हो रहीं हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाहियों ने विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज के भविष्य को खतरे में डाल दिया है।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज को सत्र 2020-21 के लिए नो एडमिशन श्रेणी में रखा है। सत्र 2020-21 में लखनपुर में संचालित विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश नहीं होगा। एआईसीटीई ने निरीक्षण की प्रस्तावित रिपोर्ट में कहा कि है कि विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज को दो वर्षों के लिए शर्तों पर मान्यता दी गई थी।
2016-17 में अस्थायी भवन के आधार पर मान्यता दी गई थी, जिसमें शामिल था कि दो वर्ष के भीतर नये भवन में कॉलेज संचालित होगा। विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज का संचालित, तत्कालिक भवन एआईसीटीई के मानकों को पूरा नहीं करता है। रिपोर्ट में नियमित प्राचार्य 12 महीने से नहीं होने पर सवाल उठाए गए हैं।
एआईसीटीई की स्टैंडिंग हियरिंग कमेटी के समक्ष 13.11. 2019 को विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज के सहायक प्राध्यापक कमलेश कुमार रात्रे तथा सहायक प्राध्यापक पुलकित तिवारी ने प्रजेंटेशन के माध्यम से स्थितियों को प्रस्तुत किया था।
शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के नाम से जमीन आवंटित है लेकिन वर्तमान में लखनपुर में विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज के नाम से संचालित है। एआईसीटीई के मानक के अनुसार कॉलेज के लिए 18 कक्षा चाहिए लेकिन वर्तमान में मात्र ११ कक्षाएं हैं। विद्यार्थियों के लिए 30 प्रयोगशाला चाहिए जबकि मात्र 22 प्रयोगशाला उपलब्ध है।
भाषा प्रयोगशाला के लिए कुल क्षेत्र ६६ मानक के अनुसार होना चाहिए लेकिन 60 ही प्राप्त हुआ है। रिपोर्ट में प्रस्तुति नहीं दर्ज की गई है और अस्वीकार्य बताया गया है। प्रयोगशाला की स्थितियों को प्रस्तुत नहीं किया गया है। छात्र और छात्राओं के लिए कॉमन रूम नहीं होना दर्ज किया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉलेज ने भवन की प्रमाणित योजना को यथोचित व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत नहीं किया है। नियमित प्राचार्य के कॉलम को 18 अगस्त 2018 से खाली दर्ज किया गया है। 12 महीने से अधिक अवधि से प्रभारी प्राचार्य दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं।
इंजीयिरिंग कॉलेज के स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा के 54 शिक्षकों की आवश्यकता है जबकि वर्तमान में मात्र 48 अध्यापक हैं। नौ शिक्षक टेक्यू -3 तक तहत एक वर्ष के लिए रखे गये हैं। कॉलेज के पास प्राध्यापक नहीं हैं, मात्र दो सह प्राध्यापक हैं। बाधा रहित शैक्षिक परिसर के मानक को कॉलेज पूरा नहीं कर रहा है।
सभी स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम बंद करने के निर्देश
रिपोर्ट में टिप्पणी दर्ज की गई है कि विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज की वर्तमान प्रयोगशाला मात्र स्नातक पाठ्य़क्रम तक के लिए है। शिक्षक और संसाधन स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के मानक को पूरा नहीं करते हैं। कमेटी ने सभी स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों को बंद करने को कहा है। स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के लिए प्रयोगशाला में सुविधाएं नहीं हैं।
वस्तुस्थिति प्रस्तुत नहीं कर पाये शिक्षक
स्टैंडिंग हियरिंग कमेटी के समक्ष विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज के कमेलश कुमार रात्रे और पुलकित तिवारी ने कॉलेज की वस्तुस्थिति की प्रजेंटेशन के दौरान सही प्रस्तुति नहीं दी है। कमेटी ने रिपोर्ट में बार-बार नॉट प्रजेंटेड, नॉट एक्सेपटेड शब्द का प्रयोग किया है।
मुझे नहीं है जानकारी
एआईसीटीई का पत्र आया है लेकिन अभी तक मेरे संज्ञान में ऐसा नहीं है। जैसा आप पत्र के माध्यम से नो एडमिशन श्रेणी की बात बता रहे हैं, ऐसा नहीं होगा।
प्रो. रोहिणी प्रसाद, कुलपति, गहिरा गुरु विवि
Published on:
06 Jan 2020 05:26 pm
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