नई गाइड लाइन के अनुसार प्रचार के लिए लिए प्रत्याशी के खर्च की सीमा 28 लाख निर्धारित कर दी गई है। प्रत्याशियों द्वारा किए जा रहे खर्च पर चुनाव आयोग द्वारा सीसी टीवी कैमरे से नजर रखने के अलावा वीडियो शूटिंग करवाकर रेकॉर्ड रखा जाएगा।
नॉनवेज खाना हुआ सस्ता, 100 रुपए थाली
निर्वाचन आयोग ने चुनावी खर्च की सीमा विधानसभा के लिए अधिकतम 28 लाख किए हैं। प्रत्याशी वोटरों या कार्यकर्ताओं के लिए मुर्गा, मटन, बकरा भात से लेकर कई तरह के दावत देते हैं। इसलिए चुनाव आयोग के मुताबिक इस चुनाव के लिए दर तय कर दिए हैं।
महामाला के 6 हजार तो बुके के 400 रुपए
अब किसी भी राजनीतिक दल के नेता के आगमन पर कार्यकर्ताओं व प्रत्याशियों को माला पहनाना महंगा पड़ सकता है। आमसभा में प्रत्याशी की तरफ से अगर कार्यकर्ता द्वारा महामाला पहनाई जाती है तो 6000 रुपए खर्च में जुड़ेंगे। इसके साथ ही बुके (गुलाब) के देने पर 400 रुपए लगेंगे। इसके साथ ही साइकिल और रिक्शा पर प्रचार करने पर 300 रुपए जबकि नाचा पार्टी लगाने पर 8000 रुपए देने होंगे।
खाते से लेन देन की भी देनी पड़ेगी जानकारी
विधानसभा चुनाव प्रत्याशी के लिए गाइड लाइन के अनुसार नया बैंक खाता खुलवाना पड़ेगा। जहां राशि डालने व निकालने का पूरा हिसाब देना पड़ेगा। प्रत्येक प्रत्याशी को 28 लाख रुपए से अधिक खर्च नहीं करना है। पिछले विधानसभा चुनाव में खर्च की सीमा 20 लाख थी।