
Doctor's operated child
अंबिकापुर. चना खाने के दौरान 4 वर्षीय एक बच्चे के गले में चना फंस गया था। परिजनों द्वारा उसे निजी अस्पताल के बाद मेडिकल कालेज अस्पताल अम्बिकापुर में भर्ती कराया गया। यहां डॉक्टरों ने गले मे फंसे चने को ऑपरेशन कर बाहर निकाल बच्चे को नया जीवन दिया है। डॉक्टरों के इस कार्य की पीडि़त बालक के माता-पिता सराहना कर रहे हैं।
सरगुजा जिले के लुण्ड्रा विकासखण्ड के ग्राम उदारी के एक वर्षीय बालक आयुष के गले मे चना फंस गया था जिससे उसकी स्थिति गंभीर हो गई थी। आयुष को 6 मार्च को मेडिकल कालेज अस्पताल के शिशु रोग विभाग में भर्ती कराया गया था। चिकित्सकों ने उसकी स्थिति को देखते हुए उच्च संस्थान में इलाज के लिए रेफर किया।
बच्चे के अभिभावक उसे शहर के ही एक निजी अस्पताल ले गए लेकिन वहां इलाज नही होने पर 10 मार्च की शाम 5 बजे पुन: बच्चे को मेडिकल कालेज अस्पताल ले आए।
मेडिकल कालेज अस्पताल के इएनटी विभाग की डॉ. उषा, डॉ. हरवंश एवं डॉ आयुष गुप्ता द्वारा 10 मार्च की ही रात में ब्रोंकोस्कोपी एवं ट्रेकियोस्टॉमी करके (गले में छेद कर) गले में फंसे चने को बाहर निकाला गया। फिलहाल बच्चे की हालत स्थिर है और शिशुवार्ड में चिकित्सकों की देख-रेख में उसका इलाज जारी है।
दी नई जिंदगी
गौरतलब है कि अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Medical college hospital) में पदस्थ डॉक्टरों द्वारा ऐसे कई मरीजों को नई जिंदगी दी गई है जो मौत के मुंह तक जा चुके थे। कई लोगों में गले के कैंसर का भी सफल ऑपरेशन यहां के डॉक्टरों द्वारा किया जा चुका है।
Published on:
12 Mar 2021 06:44 pm
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