
Newborn child
अंबिकापुर. बेटियां माता-पिता की लाडली होती हैं। एक मां अपने बच्चों को रोता नहीं देख सकती, लेकिन अब ऐसा भी जमाना आ गया है जहां मां ही अपने बच्चों को रोता-बिलखता छोड़ चली जा रही हैं। ऐसा ही एक मामला रविवार की रात को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में देखने को मिला। एक मां ने बेटी को जन्म दिया।
जन्म देने के कुछ घंटे बाद ही उसकी ममता मर गई। वह नवजात बेटी को अस्पताल में ही छोड़कर फरार हो गई। इसकी जानकारी जब नर्सों को हुई तो उन्होंने बच्ची को सीने से लगाया और उसे इलाज के लिए एसनएसीयू में भर्ती कराया।
शासन-प्रशासन द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। वहीं शासन द्वारा इस अभियान पर काफी खर्च भी किए जा रहे है। इसके बावजूद लोगों में जागरूकता नहीं आ रही है। लोगों द्वारा बेटी को जन्म देने के बाद झाड़ी या नाली में फेंक दिया जा रहा है या अस्पताल में छोड़ दिया जा रहा है। एक ऐसा ही मामला मेडिकल कॉलेज अस्पताल का है।
रविवार की सुबह 8 बजे एक महिला अपने परिजन के साथ लेबर वार्ड में डिलीवरी के लिए भर्ती हुई। इस दैरान महिला ने पर्ची पर अपना नाम रूपमणि पति छोटेलाल उम्र 20 वर्ष व पता ग्राम खुनसी थाना चंदौरा दर्ज कराया। महिला की डिलीवरी रविवार की रात 8.20 बजे हुई। प्रसव के बाद अस्पताल की नर्सों ने जच्चा-व बच्चा दोनों को वार्ड में शिफ्ट कर दिया था।
इस दौरान महिला ने रात्रि 9 बजे से ३ बजे के बीच नवजात बच्ची को शेफ्टी डिलीवरी रूम के टेबल पर छोड़कर फरार हो गई। इसकी जानकारी नर्सों को तब हुई जब दूसरी महिला को डिलीवरी कराने अलसुबह 3 बजे डिलीवरी रूम में पहुंचीं। इस दौरान नर्सों ने बच्ची को उठाया और सीने से लगाते हुए एसनएसीयू में भर्ती कराया। अभी बेटी का स्वास्थ्य ठीक है। बच्ची के जन्म के दौरान वजन २ किलो साढ़े सात सौ ग्राम है।
चौकी पुलिस ने दर्ज किया बयान
नवजात बच्ची को अस्पताल में छोड़े जाने की जानकारी मिलने पर अस्पताल की चौकी प्रभारी निर्मला कश्यप सोमवार को मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लेबर वार्ड में पहुंचीं। इस दौरान चौकी प्रभारी ने नर्सों का बयान लिया। बयान दर्ज करने के बाद पुलिस नवजात के माता-पिता की तलाश कर रही है।
Published on:
19 Feb 2018 08:22 pm
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