
MP press conference
अंबिकापुर. केंद्र सरकार के ४ साल पूरे होने पर रविवार को जिला मुख्यालय के कलक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित पत्रवार्ता में सांसद कमलभान सिंह उनसे संबंधित सवालों पर बुरी तरह घिर गए। वे इतने असहज हो गए थे कि जवाब देते समय जुबान तक लडख़ड़ा जा रही थी।
दरअसल उन्होंने पहले तो 6 पन्नों में दर्ज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उनकी सरकार की योजनाओं को पढ़कर बखान तो कर दिया लेकिन जब उनसे उनके काम व केंद्र सरकार की ही योजनाओं के संबंध में सवालों की बौछार हुई तो वे घिर गए। स्थिति ऐसी हो गई कि बगल में बैठीं प्रभारी कलक्टर बीच-बीच में सांसद को करेक्ट करते रहीं और जैसे-तैसे प्रेस क्रांफ्रेंस निपट गया। सांसद को भी अंत में राहत की सांस लेते देखे गया।
गौरतलब है कि मोदी सरकार के चार साल का कार्यकाल पूरा होने पर सभी जिला मुख्यालयों में सांसदों को पत्रवार्ता रविवार को आयोजित हुई। इसी तारतम्य में सांसद कमलभान सिंह ने प्रभारी नम्रता गांधी, अन्य प्रशासनिक अधिकारी व भाजपा जिलाध्यक्ष अखिलेश सोनी, वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल सिंह मेजर की उपस्थिति में कलक्टोरेट के सभाकक्ष में पत्रवार्ता की।
मोदी सरकार की उपलब्धियों का बखान करने सांसद पूरी तैयारी से आए थे, शुरू में सांसद की मंशानुरूप सब कुछ ठीक भी चला, लेकिन पत्रवार्ता के अंतिम के 10-15 मिनट उन पर भारी पड़ गए।
कागज में दर्ज योजनाएं तो धड़धड़ाते पढ़ गए
पत्रवार्ता शुरू होते ही सांसद कमलभान सिंह ने सबसे पहले 6 पन्नों में दर्ज मोदी सरकार की योजनाओं को लाइन से पढ़कर उसका बखान कर दिया। सांसद ने बताया कि भारत की विश्व जीडीपी में तेजी से बढ़ती भागीदारी ने भारत को वैश्विक उन्नति का संचालक बना दिया है।
जीएसटी ने इज डूइंग ऑफ बिजनेस को बढ़ाया है, आज युवा, पिछड़ा, किसान, महिला सहित सभी वर्ग के लिए चलाई जा रही योजनाओं से विकास की रफ्तार बढ़ी है। देश आगे बढ़ रहा है, नोटबंदी से भ्रष्टाचार पर लगाम लगा है।
ऐसी तमाम बातों व योजनाओं का जिक्र कर सांसद ने बिना रूके कर दिया। ये तो बनी-बनाई एक तरह की प्रेस नोट थी जिसे सांसद ने बिना किसी दिक्कत के पढ़कर बता दिया, लेकिन जब बारी खुद के काम की आई तो सवालों से घिर गए।
जीडीपी सहित अन्य योजनाओं की जानकारी ही नहीं
शुरूआत में सांसद ने प्रधानमंत्री मोदी की जिन योजनाओं का बखान किया, जब उनसे इन योजनाओं की विस्तार से तकनीकी पहलुओं के साथ ही दिक्कतों को दूर करने के संबंध में सवाल पूछे गए तो वे निरूत्तर होने के साथ ही असहज हो गए। उनसे जब जीडीपी का अर्थ पूछा गया तो जवाब मिला, नमस्कार, अब चलते हैं।
लेकिन वे जा कहां पाए, इसके बाद पत्रकारों द्वारा उनसे पीएम जीवन ज्योति बीमा, मुद्रा लोन से जुड़ी जानकारी व दिक्कतों के बारे में सवाल पूछा गया तो वे किसी का भी जवाब नहीं दे पाए। वे सवालों से जब चारों ओर से घिरने लगे, तब बगल में बैठीं प्रभारी कलक्टर नम्रता गांधी को स्थिति संभालनी पड़ी। उन्होंने सांसद को करेक्ट करते हुए जवाब बताया, तब जाकर किसी तरह वे कुछ बोल पाए और जैसे-तैसे पत्रवार्ता खत्म हुई।
सवालों पर हो गए निरूत्तर
मोदी सरकार के चार साल की रिपोर्ट कार्ड का बखूबी बखान करने के बाद सांसद अपने काम का लेखा-जोखा बताने में फेल नजर आए। उनसे जब पत्रकारों ने अब तक सांसद मद से हुए कार्यों, विभिन्न कार्यक्रम में की गई घोषणाओं के पालन, संसद में कितने दिन उपस्थित रहने के बारे में पूछा तो वे किसी का भी सही ढंग से जवाब ही नहीं दे पाए। उन पर सवालों की बौछार होती रही वे निरूत्तर नजर आए।
Published on:
28 May 2018 01:55 pm
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