13 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

नवजात की अदला-बदली: अब पति-पत्नी ने बेटी को लेने से किया इनकार, कहा- पहले हमें बेटा क्यों दिया

Newborn Swap: मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Medical college hospital) के एसएनसीयू में नवजात के बदले जाने के मामले ने पकड़ा तूल, बेटा होने का दावा करते हुए दंपती (Husband-wife) ने बेटी को लेने से कर दिया मना, वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना कि दंपती को गलतफहमी हो गई है, उनकी बच्ची ही हुई थी

2 min read
Google source verification
Doctor-nurse and newborn father

Newborn swap case

अंबिकापुर. Newborn Swap: कुछ दिन पूर्व मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एसएनसीयू में नवजात के बदले जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बेटा ही होने का दावा करते हुए दंपती ने बेटी को लेने से इंकार कर दिया है। दंपति का कहना है कि जब बेटी हुई थी तो मुझे बेटा क्यों दिया गया था। हम कैसे स्वीकार करें कि बेटी (Daughter) हमारी ही है। वहीं बच्ची एसएनसीयू में भर्ती है। उसकी देख-रेख अस्पताल के स्टाफ नर्स (Staff Nurse) द्वारा की जा रही है। परिजन नवजात बालिका को केयर करने तक नहीं जा रहे हैं। वहीं अस्पताल प्रशासन का कहना है कि परिजन को गलत फहमी हुई है। सारे रेकॉर्ड में बच्ची होना बताया गया है। परिजन को समझाइश दी जा रही है अगर नहीं मानते हैं तो नियम के तहत बच्ची को चाइल्ड लाइन को सौंपा जाएगा।


दरिमा थाना क्षेत्र के ग्राम सोनबरसा निवासी संतन दास ने शनिवार को अपनी पत्नी गीता दास को डिलीवरी के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया था। शाम 6 बजे उसने ऑपरेशन से बच्ची को जन्म दिया। इस दौरान परिजन को लड़का होने की जानकारी दी गई। लेकिन बच्चे के अस्वस्थ होने के कारण उसे सीधे एसएनसीयू में रखा गया। रविवार की शाम को बच्चे को परिजन के हवाले कर दिया गया। इस दौरान परिजन को लड़का सौंपा गया था। इससे परिजन में काफी खुशी की लहर थी।

लेकिन यह खुशी सोमवार की दोपहर मायूसी में उस समय तब्दील हो गई, जब परिजन को बताया गया कि आपका बेटा नहीं बेटी ने जन्म लिया है। मां के गोद से लड़के को वापस ले लिया गया। इसके बाद परिजन में तनाव की स्थिति निर्मित हो गई। परिजन का कहना था कि जब लड़की हुई थी तो हम लोगों को लड़का होने की सूचना क्यों दी गई और लड़का कैसे दे दिया गया। वहीं एसएनसीयू विभागाध्यक्ष सुमन तिर्की का कहना है कि एसएनसीयू से बच्चे की अदला-बदली नहीं हुई है। एक ही नाम से दो महिला भर्ती हैं इस लिए परिजन को नाम सुनने में गलत फहमी हो जाती है।

Read More: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लापरवाही: मशक्कत कर प्रसुता के लिए की ब्लड की व्यवस्था, घंटों नहीं चढ़ाया, फिर...


शनिवार की शाम 3 बच्चों का हुआ था जन्म
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि शनिवार की शाम तीन बच्चों का जन्म हुआ था। इसमें दो बेटियां व एक बेटा शामिल है। गीता बेक नामक महिला ने बेटे को जन्म दिया था। जबकि गीता दास को बेटी हुई है, दोनों महिलाओं का नाम एक होने से परिजन को गलत फहमी हुई है। वहीं एमएस डॉ. लखन सिंह का कहना है कि परिजन को समझाइश दी जा रही है। अगर नहीं मानते हैं तो लिखित में उनसे लेकर अस्पताल प्रशासन कार्रवाई कर बच्ची को चाइल्ड लाइन को सौंप दिया जाएगा।

Read More: अब शासकीय दस्तावेजों में भी राजमाता स्व. देवेंद्र कुमारी सिंहदेव के नाम से जाना जाएगा मेडिकल कॉलेज


एसएनसीयू में भर्ती है बच्ची
बेटा ही होने का दावा कर रहे संतन दास व उसकी पत्नी गीता दास का कहना है कि शनिवार को मुझे पुत्र होने की जानकारी दी गई थीं मैंने देखा भी था। इसके बाद बच्ची होने की जानकारी देकर मुझसे बेटे को वापस ले लिया गया है। पजिन बच्ची को रखने से इंकार कर रहे हैं।

हालांकि रेकॉर्ड के अनुसार अस्पताल प्रशासन द्वारा परिजन को समझाइश देने की पूरी कोशिश की जा रही है। इसके बाद भी वे मानने को तैयार नहीं हंै, बच्ची एसएनसीयू (SNCU) में भर्ती है। लेकिन परिजन उसे देखने तक नहीं जा रहे हैं। बच्ची की देख रेख स्टाफ नर्स द्वारा की जा रही है।