
Mud on National highway
अम्बिकापुर. NH work very slow: सरगुजा में एनच निर्माण का बुरा हाल है। 74 किमी मीटर की सडक़ बनाने में विभाग को 6 साल से भी अधिक का समय लगने के बाद भी पूर्ण नहीं हो सका है। अभी भी 4 किलोमीटर का निर्माण अधूरा है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि सरगुजा में सडक़ों का निर्माण किस गति से हो रहा है। औसतन मानें तो एक महीने में एक किलोमीटर सडक़ का निर्माण भी नहीं हो पा रहा है। एनएच का निर्माण पूर्ण नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है। बारिश के मौसम में आए दिन निर्माणाधीन सडक़ पर वाहन फंसने से जाम की स्थिति निर्मित हो रही है। अक्सर अंबिकापुर-पत्थलगांव मार्ग पर स्थित चेंदा्र व लालमाटी के पास एनएच निर्माण कंपनी द्वारा बनाए गए डायर्वसन मार्ग पर भारी वाहन फंसने से जाम लग जाता है।
जर्जर एनएच-43 का निर्माण वर्ष 2017 में शुरू कराया गया था। लेकिन किसी कारण निर्माण कंपनी एनटीए डिफॉल्ट के कारण एनसीएलटी में चली गई, इस कारण राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय द्वारा दो सालों के लिए निर्माण कार्य रोक दिया गया। इसके बाद पुन: 2019 में उस कंपनी को पेटी कॉन्ट्रैक्टर के रूप में बहाल कर काम शुरू कराया गया। इसके बाद से निर्माण कार्य कछुए की चाल से चल रहा है। इसका खमियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
एनएच-43 अंबिकापुर-सीतापुर मार्ग पर बिना रुके सफर करने का इंतजार जिलेवासी कर रहे हैं, लेकिन करोड़ों की सडक़ निर्माण की रफ्तार धीमी होने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
एनएच विभाग द्वारा डीवीआर व टीबीसीएल कंपनी को काम करने का ठेका दिया गया है। टीबीसीएल कंपनी के हिस्से में 67 व डीवीआर कंपनी के हिस्से में 7 किमी एनएच सडक़ का निर्माण कराना है। लेकिन दोनों कंपनी मिलकर आज तक निर्माण कार्य पूर्ण नहीं कर सके हैं।
4 बार राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय द्वारा दिया जा चुका है एक्सटेंशन
74 किलोमीटर एनएच पर सडक़ निर्माण कराने में विभाग को लगभग 6 वर्ष लग चुके हैं, इसके बावजूद भी काम पूर्ण नहीं हुआ है। एनएच के अधिकारियों के अनुसार इन 6 साल में अब तक विभाग द्वारा ठेकेदार को लगभग 4 बार एक्सटेंशन दिया जा चुका है।
पहला एक्सटेंशन वर्ष 2017 में निर्माण कंपनी को एनसीएलटी में चले जाने के कारण मिला था। इसके बाद कोरोना काल के दौरान और समय-समय पर कई परेशानियों को देखते हुए कुल 4 बार राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय द्वारा एक्सटेंशन दिया जा चुका है। जुलाई अंतिम तक पूर्ण करने का अंतिम डेटलाइन है।
वर्ष 2017 से चल रहा निर्माण
अंबिकापुर-पत्थलगांव एनएच-43 का निर्माण वर्ष 2017 से चल रहा है। 74 किमी सडक़ का निर्माण होना है। विभाग व निर्माण कंपनी की लापरवाही के कारण 6 साल बीतने के बाद भी 74 किमी सडक़ का निर्माण पूर्ण नहीं हो पाया है। अभी भी 4 किमी सडक़ का निर्माण बाकी है। इसमें जगह-जगह पुल पुलियों का निर्माण अधूरा है।
15 प्रतिशत बढ़ा बजट
300 करोड़ की लागत से बनने वाली सडक़ का निर्माण समय पर पूर्ण नहीं होने के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय को 15 प्रतिशत का अतिरिक्त भार पड़ा है। एनएच के अधिकारी बताते हैं कि समय पर कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण अब यह राशि 315 करोड़ से अधिक बढ़ सकती है।
जुलाई तक काम कर लेंगे पूरा
विलम्ब होने का कारण वर्ष 2017 में कंपनी के एनटी में जाने से काम बन्द होना था। पुन: 2019 में पेटी कॉन्ट्रैक्टर द्वारा काम शुरू किया गया है। इसके बाद भी मुआवजा वितरण सहित कई अड़चनें आने के कारण विलंब हुआ है। जुलाई तक कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।
नितेश तिवारी, ईई, एनएच विभाग
Published on:
15 Jul 2023 05:43 pm
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