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काजू-किसमिस खरीदकर लॉज में घुसा था युवक, पीछे से पहुंची पुलिस ने ली तलाशी तो फटी रह गईं आंखें

माया लॉज में ठहरा था युवक, कोतवाली व क्राइम ब्रांच पुलिस ने किया गिरफ्तार, आरोपी ने कहा- पश्चिम बंगाल से लाया था ये सामान

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Fake note accused arrested

Accused with fake notes

अंबिकापुर. पश्चिम बंगाल के मालदा से 2000 के 30 नकली नोट लेकर एक युवक अंबिकापुर के माया लॉज में ठहरा था। उसने 300 रुपए का काजू-किसमिस खरीदने के बाद दुकानदार को 2 हजार का नोट थमाया और लॉज में चला गया। इधर नोट के नकली होने की शंका पर दुकानदार ने कोतवाली में सूचना दी।

इस पर कोतवाली व क्राइम ब्रांच की टीम ने शहर में दबिश दी तो लॉज के सामने एक युवक संदिग्ध अवस्था में मिला। उससे पूछताछ के बाद तलाशी ली गई तो उसके पास से 2000 के 30 नकली नोट मिले। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। नोट के नकली होने का प्रमाण भारतीय स्टैट बैंक ने 8 बिंदुओं पर दिया। पुलिस अब इन नकली नोटो को एफएसएल में जांच कराने भेजेगी।

एसपी सदानंद कुमार ने क्राइम ब्रांच के कार्यालय में गुरुवार को वारदात की जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार की शाम करीब 5 बजे एक युवक राम मंदिर रोड स्थित बालाजी ड्राई फ्रूट्स पहुंचा था। दुकान के संचालक राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल पिता अमीलाल अग्रवाल अपने पुत्र संदीप अग्रवाल के साथ दुकान में बैठे थे।

इसी दौरान युवक ने दुकान में पहुंच 1-1 पाव काजू व किसमिस खरीदा और 2000 रुपए का नोट दिया। राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल ने युवक को 300 रुपए काटने के बाद 1700 रुपए वापस कर दिया। युवक बाहर निकल रहा था तो राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल ने जब नोट को छुकर देखा तो उसे संदेह हुआ।

दुकान संचालक के पुत्र संदीप अग्रवाल ने युवक का पीछा भी किया, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। इसकी जानकारी उसने तत्काल कोतवाली पुलिस को दी। राम मंदिर के आसपास क्राइम ब्रांच की टीम के कुछ कर्मचारी घूम रहे थे। उन्होंने तत्काल दुकान में पहुंचकर युवक का हुलिया लिया और उसकी तलाश शुरू कर दी। संदीप अग्रवाल ने नकली नोट होने के संदेह पर उसे पुलिस को सौंप दिया।

कोतवाली टीआई विनय सिंह बघेल ने इसकी जानकारी आईजी हिमांशु गुप्ता व एसपी को दी। आईजी के मार्गदर्शन में एसपी के निर्देश पर क्राइम ब्रांच व कोतवाली पुलिस की टीम युवक को तलाशना शुरू कर दी। हुलिया के आधार पर पुलिस ने पुराने बस स्टैंड के समीप स्थित माया लॉज के सामने खड़े एक युवक को पकड़कर उससे पूछताछ शुरू की।

युवक ने अपना नाम मध्यप्रदेश के रीवां के ग्राम कोल्हागांव निवासी ज्ञानेन्द्र तिवारी के रूप में बताई। युवक की तलाशी लेने पर उसके पास से 2000 के 30 नोट बरामद किए गए। पुलिस ने जब इसका मिलान किया तो कई नोट के सीरियल नंबर एक ही थे। इससे उन्हें नकली होने का शक हुआ। पुलिस ने धारा 489 के तहत जुर्म दर्ज करते हुए युवक को गिरफ्तार किया।

कार्रवाई में कोतवाली टीआई विनय सिंह बघेल, क्राइम ब्रांच के प्रभारी एसआई मनीष यादव, एएसआई भूपेश सिंह, एएसआई विनय सिंह, कोतवाली की एसआई अनिता आयाम, एएसआई परशु राम पैकरा, प्रधान आरक्षक रामअवध सिंह, धर्मेन्द्र श्रीवास्तव, दीनदयाल सिंह, अमृत सिंह, विवेक राय, नितिन सिन्हा, अमित विश्वकर्मा, राकेश शर्मा, जयदीप सिंह, बृजेश राय, स्मृता रागिनी, धनश्याम यादव, प्रविन्द्र कुमार सिंह व लालमुन सिंह शामिल थे।


आर्थिक परेशानी से शुरू किया नकली नोट खपाने का धंधा
आरोपी ज्ञानेन्द्र तिवारी ने पुलिस को बताया कि वह हैदराबाद में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रहा था। इस दौरान उसकी मुलाकात एक युवक से हुई। युवक ने उसे अच्छे रकम के साथ बढिय़ा काम दिलाने का झांसा दिया। इसकी वजह से वह इस काम में फंस गया। उसे पश्चिम बंगाल के मालदा टाउन में बुलाया गया, जहां युवक ने बताया कि 30 हजार रुपए देने पर 1 लाख रुपए का नोट मिल जाएगा।

इसके बाद ज्ञानेन्द्र तिवारी ने मालदा में युवक को 30 हजार रुपए दिया। उसे बताया गया कि अभी रुपए नहीं आए हैं और तीन दिनों तक एक घर में रुकवाया गया। तीन दिन बाद जब रुपए आया तो उसे 1 लाख रुपए दिये गए। इसके बाद वह मालदा से मध्यप्रदेश होते हुए रायगढ़ पहुंचा। यहां वह रुपए खपाने के लिए छोटे-मोटे सामान खरीदता था और 2000 के नोट का चिल्हर करवाकर असली नोट ले लेता था।


जशपुर में खपाए 7 नोट
ज्ञानेन्द्र तिवारी ने पुलिस को बताया कि वह रायगढ़ से जशपुर पहुंचा, जहां उसने 7 नोट खपाए थे। इसके बाद वह अंबिकापुर पहुंचा था। यहां भी कुछ नोट खपाए थे। पुलिस ने सभी से अपील की है कि नकली नोट को पुलिस के सुपुर्द कर दें, ताकि वह बाजार में प्रचलन में न आ सके।


मालदा रवाना होगी एक टीम
एसपी सदानंद कुमार ने बताया कि पश्चिम बंगाल के मालदा में इसका पूरा गिरोह संचालित हो रहा है। युवक का पुलिस रिमांड लेने के बाद पुलिस की एक टीम मालदा रवाना होगी और वहां से मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने का प्रयास करेगी।


इन बिंदुओं पर बताया नकली
पुलिस ने नकली नोट को जांच के लिए तत्काल भारतीय स्टैट बैंक की मुख्य शाखा भेजा था। बैंक ने नोट की जांच करने के बाद बताया कि असली नोट के मध्य में जो हरे रंग का सिल्वर फायल लगा है वह वायलेट रोशनी में चमकता है। जबकी नकली नोट में सिल्वर फायल में किसी भी प्रकार का चमक नहीं है। नकली नोट का कागज असली नोट से अलग है। नकली नोट का आकार असली नोट की तुलना में अधिक है।

नकली नोटों में कई नोटों में सीरियल नंबर सामान हैं। मशीन द्वारा नोटों को नकली होना प्रमाणित किया गया। दोनों की स्याही में काफी अंतर है। नकली नोट किसी स्केनर से प्रिंट न होकर किसी प्रिटिंग प्रैस से प्रिंट होना पाया गया। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि 2000 के सीकेएफ के सीरिज के उपयोग में सावधानी बरतें। सीरिज क्रमांक ओकेएफ 304730 से 787 तक के नोट पर ध्यान रखने को कहा गया है।


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