पुलिस का कहना है कि अभी सीसीटीवी फुटेज खंगाला जा रहा है। इसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी, जबकि फुटेज में आरक्षक की पिटाई (Police beaten) करते लोग नजर आ रहे हैं। इधर युवा कांग्रेस महासचिव ने आरोपी पार्षद युकां सचिव दीपक मिश्रा को पार्टी से आगामी आदेश के लिए निलंबित (Suspend) करते हुए 3 सदस्यीय जांच दल का भी गठन किया गया है।
गौरतलब है कि 27 फरवरी की रात करीब 9 बजे कोतवाली परिसर में घुसकर लगभग एक दर्जन लोगों ने आरक्षक के साथ गाली गलौज व मारपीट की घटना को अंजाम दिया था। पुलिस इस मामले में घटना के 20 घंटे बाद कोतवाली पुलिस ने आरोपी यश सिंह, अंशु वैष्णव, अर्पित मौर्य, पार्षद दीपक मिश्रा, यश की मां, संकेत सिंह, कुनाल ङ्क्षसह, अजय प्रसाद, ललित वैष्णव व अन्य के खिलाफ धारा 147, 149, 294, 506, 332, 186, 353 के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
एफआईआर के बावजूद पुलिस अब तक एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। जबकि आरोपी अपने बचाव में आईजी व एसपी के पास ज्ञापन सौंपने में लगे हैं। इस संबंध में कोतवाली टीआई भारद्वाज सिंह (Kotwali TI) का कहना है कि घटना की सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है और आरोपी बढ़ सकते हैं। जांच पूर्ण होने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।
आरोपी के परिजन ने आईजी को सौंपा ज्ञापन
आरोपी के परिजन वसुंधरा बिहार कॉलोनी निवासी अभिषेक सिंह ने आईजी को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से बताया है कि 27 फरवरी की रात 9 बजे थाने में एक आरक्षक द्वारा मेरे भतीजे संकल्प सिंह को बेरहमी से लात, मुक्का, बेल्ट से पीटा गया है। इससे होठ व कान से खून निकल आया था।
दूसरे दिन 28 फरवरी को थाने द्वारा अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए एक झूठा अपराध कायम अपने पुलिस स्टाफ को बचाने के उद्देश्य से दर्ज कर लिया गया। इसमें बताया जा रहा है कि आरक्षक सत्येन्द्र दुबे ड्यूटी पर था। आरक्षक सत्येन्द्र दुबे के मारपीट किये जाने से मेरे भतीजे संकल्प सिंह की स्थिति खराब है।
उसे रात में डॉ. के पास ले जाया गया जहां उसके कान में भीतरी चोट के कारण खराबी हो गई है जिस कारण उसे मेरे भाई संकेत सिंह व भाभी संकल्प को बनारस के मैक्सवेल अस्पताल उपचार के लिये ले गये हैं जहां उसका उपचार चल रहा है।
मेरी छवि धूमिल करने की कोशिश
आरक्षक के साथ कोतवाली में घुसकर मारपीट किए जाने के मामले में पुलिस ने पार्षद दीपक मिश्रा के खिलाफ भी अपराध दर्ज किया है। इस संबंध में पार्षद ने सोमवार को आईजी को एक ज्ञापन सौंपा है। पार्षद ने ज्ञापन में बताया है कि 27 फरवरी की रात मुझे फोन से जानकारी मिली थी कि कुछ लड़कों को थाना में लाकर उनके साथ मारपीट की जा रही है। सूचना पर मैं रात्रि करीब 9.45 बजे कोतवाली पहुंचा था।
यहां मामला शांत हो चुका था। थाना प्रभारी एवं नगर पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति में मामले को शांत कराकर सभी को अपने अपने घर जाने को कहा गया। मेरे समक्ष कोतवाली में किसी का कोई झगड़ा या विवाद नहीं हुआ था।
घटना में मुझे संलिप्त होना बताया जा रहा है उस तथाकथित घटना का वीडियो फुटेज का अवलोकन किया जा सकता है। उक्त वीडियो फुटेज में मैं कहीं भी मौजूद नहीं हूं। मैं एक जन प्रतिनिधि होने के कारण सिर्फ अपने दायित्वों का पालन करते हुये कोतवाली गया था।