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अंबिकापुर. Private schools on strike: आरटीई की राशि में दोगुना करने सहित अन्य मांगों को लेकर गुरुवार को जिले भर के अशासकीय स्कूल के संचालकों ने शैक्षणिक कार्य बंद रखा। इससे स्कूलों में ताले लटके रहे। बच्चों व उनके अभिभावकों को एक दिन पहले ही स्कूल बंद की जानकारी दे दी गई थी। प्राइवेट स्कूल्स फेडरेशन ऑफ सरगुजा के नेतृत्व में स्कूल संचालकों द्वारा मुख्यमंत्री के नाम डीईओ को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगें रखी गईं।
प्राइवेट स्कूल्स फेडरेशन ऑफ सरगुजा ने सीएम को दिए ज्ञापन में बताया है कि पिछले 12 वर्षों से आरटीई की राशि में कोई वृद्धि नहीं की गई है। आरटीई की राशि प्राथमिक कक्षाओं में 7 हजार से बढ़ाकर 18 हजार, माध्यमिक की 11 हजार 5 सौ से बढ़ाकर 21 हजार एवं हाई और हायर सेकेण्ड्री की अधिकतम सीमा को 15 हजार से बढ़ाकर 30 हजार तक किया जाए। बसों की अवधि जो छत्तीसगढ़ में 12 वर्ष है और देश के अधिकांश राज्यों में यह अवधि 15 वर्ष है।
बसों की अवधि छत्तीसगढ़ में भी 15 वर्ष किया जाना चाहिए। निजी स्कूलों में पढऩे वाली बालिकाओं को भी सरस्वती साइकिल योजना एवं शासन की अन्य योजनाओं का लाभ दिया जाए।
आरटीई की रुकी हुई प्रतिपूर्ति राशि को अविलब स्कूलों के खाते में स्थानांतरित किया जाए। आरटीई की राशि सत्र समाप्ति के साथ ही भुगतान किया जाए। निजी स्कूलों के सभी खातों को पीएफएमएस के अंतर्गत पंजीकृत किया जाए।
गणवेश की राशि 540 रुपए से बढ़ाकर 2000 किया जाए। निजी विद्यालय में अध्ययनरत एस, एसटी, ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों को मिलने वाली प्री-मैट्रिक एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति की राशि बढ़ाई जाए।
निजी स्कूल के शिक्षकों को भी भर्ती में मिले बोनस अंक
ज्ञापन में यह कहा गया है कि निजी स्कूलों के अध्यापकों को स्कूली शिक्षा में भर्ती पर बोनस अंक प्रदान किया जाए, जैसे आत्मानंद के शिक्षकों को किया जाता है। निजी स्कूल संचालकों ने उपरोक्त मांगों पर तत्काल संज्ञान लेते हुए अविलंब उचित कार्रवाई की मांग की है।
Published on:
14 Sept 2023 09:14 pm
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