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दुष्कर्म से प्रैग्नेंट हुई तो जबरन करा दिया गर्भपात, मौत से पहले नाबालिग ने सुसाइड नोट में ये लिखा

नाबालिग लड़की का जबरदस्ती गर्भपात कराकर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के आरोप में प्रेमी को न्यायालय ने सुनाया 10 वर्ष का सश्रम कारावास

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girl rape

अंबिकापुर. किशोरी का दैहिक शोषण करने के बाद गर्भवती होने पर उसे आत्महत्या करने के लिए प्रेमी ने प्रेरित किया था। जबरदस्ती गर्भपात कराए जाने से क्षुब्ध होकर किशोरी ने 2 जून 2016 को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उसके हाथ में मिले सुसाइड नोट के आधार पर ग्राम सोहगा के जूनापारा निवासी कृष्ण कुमार चौबे को पुलिस ने धारा 376(2)(ड) के तहत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था।

मामले में सुनवाई के बाद सोमवार को विशेष न्यायाधीश आलोक कुमार ने सजा सुनाई। मामले में धारा 376(2)(ड) के तहत 10 वर्ष व 2000 हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 313 के तहत 7 वर्ष व 1 हजार रुपए व लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 5(ठ)/6 के तहत 10 वर्ष के कठोर कारावास व 2000 रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया है।


न्यायालय से मिली जानकारी के अनुसार अंबिकापुर विकासखंड के दरिमा थानांतर्गत ग्राम सोहगा के जूनापारा निवासी २८ वर्षीय कृष्ण कुमार चौबे पिता शिवकुमार चौबे ने पतरापारा निवासी किशोरी को शादी का प्रलोभन देकर कई बार दुष्कर्म किया था। किशोरी के गर्भवती हो जाने के बाद उसकी बिना सहमति के जबरदस्ती गर्भपात कराया था।

किशोरी द्वारा विवाह करने की बात कहने पर उसे अपनाने से इनकार कर दिया और आत्महत्या करने के लिए प्रेरित किया। इसके कारण किशोरी ने अपने घर की परछी की कंडी में दुपट्टे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। किशोरी ने आत्महत्या करने से पूर्व सुसाइड नोट लिखते हुए अपने हाथ में रख लिया था। पुलिस ने सुसाइड नोट भी बरामद किया था।

सुसाइड नोट में उसने कृष्णा चौबे से प्रेम-संबंध व जबरदस्ती गर्भपात करा दिए जाने की बात की थी। उसने सुसाइट नोट में यह भी लिखा था कि जबरदस्ती उसका गर्भपात करा दिया गया था, अपनाने को कही तो इनकार कर दिया। इससे परेशान होकर आत्महत्या कर रही हूं।


कोर्ट ने सुनाई सजा
इस मामले में पुलिस ने मर्ग कायम करने के बाद सुसाइट नोट के आधार पर कृष्ण कुमार चौबे को धारा 376(2)(ढ), 313, 305 व बालकों के संरक्षण अधिनियम की धारा 5(ठ)/6 व अनुसूचित जाति व जनजाति (अत्याचार निवारण) की धारा 3(2)(5) के तहत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था।

मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति व जनजाति (अत्याचार निवारण) आलोक कुमार के न्यायालय में चल रही थी। मामले में आए साक्ष्य के आधार पर सोमवार को विशेष न्यायाधीश ने फैसला सुनाया।

मामले में आरोपी कृष्ण कुमार चौबे को धारा 376(2)(ड) के तहत 10 वर्ष व 2000 हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 313 के तहत 7 वर्ष व 1 हजार रुपए व लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 5(ठ)/6 के तहत 10 वर्ष के कठोर कारावास व 2000 रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया। सभी सजा एक साथ चलेंगी।


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