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Tribute to Martyrs: ताड़मेटला में शहीद हुए 76 जवानों सीआरपीएफ के जवानों ने शस्त्र-सलामी देकर दी श्रद्धांजलि,

Tribute to Martyrs: सीआरपीएफ के कमांडेंट ने कहा- जवानों के सर्वोच्च बलिदान से सदा प्रेरणा लेती रही है बटालियन, छत्तीसगढ़ के ताड़मेटला में 6 अप्रैल 2010 को नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए थे जवान

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Tribute to Martyrs: ताड़मेटला में शहीद हुए 76 जवानों सीआरपीएफ के जवानों ने शस्त्र-सलामी देकर दी श्रद्धांजलि,

Tribute to martyrs

अंबिकापुर. सीआरपीएफ के 62वीं बटालियन के कमांडेंट प्रमोद कुमार सिंह के नेतृत्व में हेडक्वार्टर के क्वार्टर गार्ड व शहीद स्मारक पर आज ही के दिन दंतेवाड़ा जिले में स्थित ताड़मेटला में चलाये जा रहे नक्सल विरोधी परिचालन के दौरान शहीद हुए 76 जवानों को श्रद्धांजलि (Tribute to Martyrs) दी गई। शहीद जवानों में एक छत्तीसगढ़ पुलिस व 75 सीआरपीएफ के थे। कमांडेंट प्रमोद कुमार सिंह ने शहीद स्मारक पर पुष्प चक अर्पित कर जवानों को सलामी दी। इसके बाद गार्ड द्वारा शहीदों को शस्त्र-सलामी दी गई व शोक शस्त्र की कार्यवाही की गई।

कमाण्डेन्ट ने अपने अधिकारियों व जवानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि 62वीं बटालियन अपने 75 शहीद साथियों के सर्वोच्च बलिदान से सदा प्रेरणा लेती रही है। आगे भी इन वीर बलिदानियों (Tribute to Martyrs) का देश के लिए प्राणों का भी त्याग करने में न झिझकने के अदम्य साहसपूर्ण उदाहरण से 62वीं बटालियन के प्रत्येक जवान व अधिकारी प्रेरित होते रहेगें।

उन्होंने बताया कि अपने वीर शहीदों (Tribute to Martyrs) के परिवारों के साथ यह वाहिनी सदा खड़ी रही है तथा एक परिवार की तरह हर परिस्थिति में सदा खड़ी रहेगी। इस अवसर पर माण्डेन्ट व सभी कार्मिकों ने बटालियन शहीद स्मारक पर 75 मोमबत्तियां भी जलाकर शहीदों को नमन किया।

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Tribute to Martyrs: आज नक्सलवाद का हो रहा सफाया

कमांडेंट ने बताया कि वर्ष 2010 में घटित यह घटना नक्सलवाद (Tribute to Martyrs) के खिलाफ लड़ाई में मील का पत्थर साबित हुई। इन 75 शहीदों के अदम्य साहस व सर्वोच्च बलिदान से प्रेरणा लेकर केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल ने अपनी गुरिल्ला युद्ध नीति को नक्सल के गुरिल्ला पैंतरों के हिसाब से बदला।

उसी का परिणाम है कि आज नक्सलवाद के पैर न केवल बस्तर बल्कि झारखण्ड, बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा व आंध्रप्रदेश से लगभग उखड़ चुके है। अत: हमारे लिए बड़े गौरव की बात है कि हम इस महान बल एवं बल की सर्वोच्च बलिदानी 62वीं वाहिनी के सदस्य है।


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