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पुलिस वाहन की टक्कर से बाइक सवार 2 सगे भाइयों की मौत, एक साथ उठी अर्थी तो रो पड़ा पूरा गांव

सामान लेकर घर लौटने के दौरान पेशी से बंदियों को लेकर लौट रही पुलिस वाहन ने पीछे से मारी थी टक्कर, एक की मौके पर ही हो गई थी मौत

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Dead body of young man

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अंबिकापुर. कोर्ट में पेशी कराने के बाद मंगलवार की शाम 6 बजे 7 विचाराधीन बंदियों को लेकर रामानुजगंज उपजेल लौट रही पुलिस की वाहन ने बाइक सवार 2 सगे भाइयों को पीछे से टक्कर मार दी थी। हादसे में बाइक सवार एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि दूसरे को गंभीर स्थिति में अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। य

हां जांच पश्चात डॉक्टरों ने उसे भी मृत घोषित कर दिया। बुधवार को दोनों का एक साथ अंतिम-संस्कार किया गया। यह दृश्य देख पूरा गांव रो पड़ा। मृतकों के परिजन ने आरोप लगाया है कि चालक की जगह आरक्षक वाहन चला रहा था। गौरतलब है कि बाइक सवारों को टक्कर मारने के बाद पुलिस का वाहन भी पलट गया था और इसमें सवार 7 बंदी व पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे।

बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के त्रिकुंडा थाना क्षेत्र के ग्राम विमलापुर निवासी 20 वर्षीय उपेंद्र कुमार यादव पिता नारायण यादव की गांव में ही मोटर पाट्र्स की दुकान है। मंगलवार को अपने बड़े भाई 28 वर्षीय राकेश यादव के साथ दुकान का सामान लेने वाड्रफनगर गया था। दोनों सामान लेकर शाम करीब 6 बजे वापस गांव लौट रहे थे।

वे वाड्रफनगर-रामानुजगंज मार्ग पर मेंढारी जंगल में पहुंचे थे कि तेज बारिश शुरू हो गई। इसके बाद वे धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे। इसी दौरान वाड्रफनगर कोर्ट से विचाराधीन बंदियों को पेशी कराकर आ रहे पुलिस वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाइक सवार दोनों भाई जहां सड़क पर जा गिरे, वहीं पुलिस वाहन भी पलट गया।

हादसे में राकेश यादव की मौत मौके पर ही हो गई थी। वहीं उपेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गया था। इसके अलावा सभी बंदी व पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई थीं। घटना की खबर मिलते ही बसंतपुर व वाड्रफनगर चौकी पुलिस द्वारा तत्काल सभी को वाड्रफनगर अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

यहां चिकित्सकों ने उपेंद्र व एक बंदी सतेंद्र साहू की गंभीर स्थिति को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया। इसके बाद दोनों को एंबुलेंस से यहां भर्ती कराया गया। यहां चिकित्सकों ने जांच के बाद उपेंद्र यादव को मृत घोषित कर दिया। इधर विचाराधीन बंदी की हालत भी नाजुक बताई जा रही है।


आरक्षक चला रहा था वाहन
मृतक के परिजन ने रामानुजगंज पुलिस पर आरोप लगाया है कि दुर्घटना के समय वाहन आरक्षक मकसूद चला रहा था। इस कारण वह वाहन को नियंत्रण नहीं कर सका और बाइक को पीछे से टक्कर मार दी। इससे बाइक सवार दोनों सगे भाइयों की मौत हो गई। उन्होंने मामले की जांच की मांग की है।


पीएम के बाद शव वाहन का कारण पड़ा इंतजार
दो बेटों की एक साथ मौत के बाद परिवार पुरी तरह टूट चुका है। एक शव घर पर पड़ा था। वहीं दूसरा शव मेडिकल कॉलेज अस्पताल में था। पीएम होने के बाद भी लगभग दो घंटे तक शव वाहन का इंतजार करना पड़ा। अंतत: परिजन को निजी वाहन से शव को लेकर जाना पड़ा।

एक साथ उठी अर्थी
दोनों भाइयों का शव देख पूरा गांव उनके घर उमड़ पड़ा था। परिजन को रो-रोकर बुरा हाल था। जब दोनों भाइयों की अर्थी एक साथ उठी तो यह दृश्य देख पूरा गांव रो पड़ा।