
Lord Ganesh Temple
अंबिकापुर. हादसे में अपने 9 वर्षीय इकलौते बेटे गणेश को खोने के बाद शर्मा परिवार पूरी तरह टूट चुका था। सरकार की ओर से पिता को मुआवजा मिला तो उसने बेटे की याद में उक्त पैसे से भगवान गणेश का मंदिर बनवा दिया। मंदिर का निर्माण उसी जगह कराया गया, जिस नदी के घाट पर बेटे की डूबकर मौत हुई थी।
अब पूरा परिवार हर दिन मंदिर जाकर भगवान गणेश की पूजा कर बेटे गणेश को याद करता है। मंदिर में पूजा करने दूसरे जिले व राज्य से भी श्रद्धालु आते हैं।
जशपुर जिले के कोतबा को धर्म की नगरी के नाम से जाना जाता है। यहां के वार्ड क्रमांक 5 मंदिरपारा निवासी भोला शर्मा के परिवार में 6 जुलाई 2016 को एक हादसा हुआ था। दरअसल भोला शर्मा का इकलौता पुत्र 9 वर्षीय गणेश शर्मा 6 जुलाई को दोस्तों व बहन के साथ नहाने सतीघाट गया था।
यहां पैर फिसल जाने से वह गहरे पानी में चला गया और डूबकर उसकी मौत हो गई थी। इस हादसे ने शर्मा परिवार को झकझोर कर रख दिया था। प्राकृतिक रूप से हुई मौत पर शासन-प्रशासन की ओर से परिवार को मुआवजा मिला।
इस मुआवजे की राशि को भोला शर्मा ने ऐसी जगह उपयोग किया, जो उनके और उनकी आने वाली पीढिय़ों के लिए यादगार बन गया।
भगवान गणेश का बनवाया मंदिर
बेटे गणेश की याद में पिता भोला शर्मा ने उक्त स्थल पर ही भगवान गणेश की मंदिर की नींव रखी, जिस स्थल पर बेटे का साथ हमेशा के लिए छूट गया था। घटना के करीब डेढ़ साल बाद 18 जनवरी 2018 को मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा हुई।
यह मंदिर एक पिता व परिवार की यादों में हमेशा के लिए समा गया। पूरा परिवार हर दिन इस मंदिर में पूजा कर मासूम गणेश को याद करता है। इस मंदिर में जशपुर के अलावा रायगढ़ जिले व ओडिशा के श्रद्धालु भी आते हैं।
कष्टों को दूर करने वाले हैं भगवान गणेश
इस संबंध में भोला शर्मा कहते हैं कि भगवान गणेश (Lord Ganesha) खुद विघ्रहर्ता हैं। मैंने सतीघाट में उनकी प्रतिमा की स्थापना कर दी है। जो मेरे बेटे के साथ हुआ, वह किसी और के साथ न हो, इसी कामना को लेकर सबकी रक्षा की प्रार्थना करता हूं।
Published on:
18 Sept 2021 03:41 pm
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