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हाथी ने युवक को सूंड से उठाकर पटका, कुचलने ही वाला था कि जल गई दिमाग की बत्ती, फिर…

जंगल से लगे खेत में काम करने के दौरान हाथी से हो गया था सामना, चालाकी की तो बच गई जान

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Elephant attack

Elephant attack

अंबिकापुर. जंगल किनारे स्थित खेत में काम करने के दौरान एक युवक का सामना हाथी से हो गया। हाथी पीछे से आया और उसे अपने सूंड में उठाकर पटक दिया। हाथी उसे पैरों से कुचलने ही वाला था कि उसने दिमाग लगा लिया और साइड में हट गया। पैर का वार खाली जाने के बाद हाथी वहां से जंगल की ओर चला गया।

इधर गंभीर रूप से घायल युवक की आवाज सुनकर मां व भाई वहां पहुंचे और उसे अस्पताल में भर्ती कराया। यहां उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। यहां उसका इलाज जारी है।


बलरामपुर जिले के राजपुर थानांतर्गत ग्राम माकण निवासी 30 वर्षीय चैतु राम कोरवा पिता सुदना कोरवा शनिवार की सुबह 6 बजे जंगल से लगे खेत में काम कर रहा था। इसी दौरान पीछे से एक हाथी आ धमका। हाथी को देख कर चैतु वहां से भागने लगा। तभी हाथी ने उसे सूंड में लपेट लिया और कुछ दूर ले जाकर गड्ढे में फेंक दिया।

इस दौरान हाथी पुन: वहां पहुंचा और उसे पैर से कुचलना चाहा। इस दौरान चैतु साइड हो गया और चालाकी ने उसकी जान बचा ली। इसके बाद हाथी जंगल की ओर निकल गया। हाथी के सूंड से पटके जाने से चैतु गंभीर रूप से घायल हो गया था। वह मदद के लिए जोर-जोर से चिल्लाने लगा। आवाज सुनकर घर के समीप खेत होने के कारण उसके भाई व मां वहां पहुंचे।

परिजन उसे इलाज के लिए राजपुर अस्पताल लेकर पहुंचे। सूचना पर वन विभाग का अमला भी अस्पताल पहुंचा और उसे सहायता राशि के रूप में मात्र 1000 रुपए दिए। वहीं चिकित्सकों ने उसकी स्थिति को गंभीर देखते हुए उसे बेहतर इलाज के लिए अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया। यहां उसका इलाज चल रहा है।


रुपए के अभाव में इलाज में परेशानी
हाथी के हमले में घायल चैतु कोरवा ने बताया कि रुपए के अभाव में इलाज नहीं हो पा रहा है। वहीं वन विभाग द्वारा सहायता राशि के रूप में मात्र १ हजार रुपए ही दिया गया है। ये रुपए राजपुर अस्पताल में ही खर्च हो गए। घायल ने बताया कि उसका स्मार्ट कार्ड भी नहीं बना है। इसलिए इलाज कराने में परेशानी हो रही है।


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