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हाफिज सईद के राजनीति में आने से टेंशन में अमरीका, पाकिस्तान को याद दिलाई इनाम की राशि

जमात उद दावा के चीफ और भारत के सबसे बड़े दुश्मन हाफिज सईद के राजनीति में आने की खबरों से अमरीका परेशान हो गया है।

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Chandra Prakash Chourasia

Dec 20, 2017

hafiz saeed

नई दिल्ली। जमात उद दावा के चीफ और भारत के सबसे बड़े दुश्मन हाफिज सईद के राजनीति में आने की खबरों से अमरीका परेशान हो गया है। हाफिज सईद ने कुछ दिन पहले ऐलान किया था कि वो पाकिस्तान के आम चुनाव में वो मिल्ली मुस्लिम लीग के बैनल तले चुनाव लड़ेगा।

हाफीज के रिहाई की निंदा
अमरीकी विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने कहा कि नवंबर में हाफिज सईद की नजरबंदी खत्म किए जाने की अमरीका ने कड़ी निंदा की थी। हाफिज लश्कर-ए-तैयबा का नेता और मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड है। अमरीकी सरकार ऐसे समूह को आतंकी संगठन मानती है। हमारी पाकिस्तान सरकार से इस संबंध में कई बार बातचीत हुई है। अब पता चल रहा है कि वो नजरबंदी से रिहा होने के बाद देश में किसी बड़े पद के लिए चुनाव लड़ेगा।


हम हाफिज के चुनाव लड़ने से चिंतित
हीथर नोर्ट ने कहा कि मैं यह याद दिलाना चाहती हूं कि उसे कानून के चंगुल में लाने के लायक सूचना देने वाले को एक करोड़ डॉलर देने का ऐलान किया है। इसलिए यह स्पष्ट बताना चाहती हूं कि हम उसके चुनाव लड़ने को लेकर चिंतित हैं।


हाफिज ने किया था चुनाव लड़ने का ऐलान
बता दें कि हाफिज सईद ने इसी साल अगस्त में 'मिल्ली मुस्लिम लीग' पार्टी का गठन किया था और इस पार्टी का अध्यक्ष सैफुल्ला खालिद को बनाया था। सैफुल्ला भी पहले जमात-उद-दावा का सदस्य था। कुछ महीने पहले ही हाफिज ने अपने संगठन जमात-उद-दावा की ओर से पाकिस्तान चुनाव आयोग में 'मिल्ली मुस्लिम लीग' के नाम से राजनीति पार्टी को मान्यता देने के लिए अर्जी दी थी। पार्टी गठन के दौरान ही हाफिज ने कहा था कि वो कश्मीर का मुद्दा पुरजोर तरीके से उठाएगा।


हाल ही में पाकिस्तान कोर्ट ने हटाई थी नजरबंदी
बता दें कि हाल ही में हाफिज सईद ने संयुक्त राष्ट्र में भी एक अर्जी लगाई थी, जिसमें उसने अपना नाम आतंकियों की लिस्ट से हटाने की मांग की है। हाफिज सईद को हाल ही में पाकिस्तान की एक अदालत के आदेश पर रिहा किया गया है। हाफिज को 31 जनवरी 2017 से नजरबंद रखा गया था। 24 नवंबर को उसे रिहा कर दिया गया था। हाफिज सईद को रिहा किए जाने का न सिर्फ भारत ने बल्कि दुनिया के कई देशों ने विरोध किया था। अमरीका ने भी हाफिज को रिहा करने का विरोध किया था। वहीं फ्रांस ने भी विरोध जताया था। लेकिन इसके बाद भी हाफिज ने पाकिस्तान में अपनी रिहाई को खुलकर जश्न मनाया था।