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पाकिस्तान को कब्जाने में एक कदम और बढ़ा चीन, पाकि में चलाएगा चीनी करेंसी

पाकिस्तान की एक मीडिया रिपोर्ट का दावा- योजना पर विचार किया जा रहा है।

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नई दिल्ली। पड़ोसी देशों पर अपनी धाक जमाने के लिए चीन अपनी कूटनीतिक चालों को तेज कर रहा है। एक कदम और बढ़ाते हुए चीन पाकिस्तान में चीनी करेंसी चलाने की कोशिश में है। इस बात की पुष्टि पाकिस्तान के योजना एवं विकास मंत्री एहसान इकबाल के हालिया बयान से होती है। उनके अनुसार- उनकी सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि पाकिस्तान और चीन में होने वाला व्यापार डॉलर की जगह युआन में हो।

पाकिस्तानी अखबान डॉन की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस बात पर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के लिए बनाए गए लॉन्ग् टर्म प्लान (LTP) की लॉन्चिंग के मैके पर इस बात पर चर्चा हुई है। ये प्लान 2017 से 2030 तक का है और 21 नवंबर को इस पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस मौके पर चीन के नवनियुक्त राजदूत याओ जिंग व अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

एहसान इकबाल ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के लिए लॉन्ग टर्म प्लान (LTP) के आधिकारिक लॉन्च के वक्त इस संबंध में चर्चा की। पाकिस्तान के अखबार 'द डॉन' के मुताबिक, 2017-30 के लिए बनाए इस प्लान पर दोनों देशों ने 21 नवंबर को हस्ताक्षर किए थे। नव नियुक्त चीनी राजदूत याओ जिंग और अन्य अधिकारी भी योजना को लॉन्च करते समय मौजूद थे।

रिपोर्ट के अनुसार जब एहसान से इस संबंध में पूछा गया, तो उन्होंने कहा- चीन ने ऐसी इच्छा जताई थी कि दोनों देशों के बीच होने वाले व्यापार डॉलर की बजाय चीन की करेंसी युआन में होना चाहे। इस पर सरकार अभी विचार कर रही है। विचार करने के बाद ही कुछ तय होगा। उन्होंने ये उम्मीद जताई कि युआन का इस्तेमाल पाकिस्तान के लिए फायदे का सौदा ही होगा।

पाकिस्तान के एक अन्य अधिकारी का कहना है कि चीन के इस प्रस्ताव पर सरकार विचार कर रही है। इससे पहले पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए डॉलर का ही इस्तेमाल किया जाता है। चीनी करेंसी को डॉलर की जगह उपयोग करने में अभी तीन साल का समय लग सकता है। सीपीईसी के लॉन्ग टर्म प्लान के तहत चीन और पाकिस्तान को चीन चरणों में एक-दूसरे का सहयोग करना है। इसके तहत पहला चरण 2020, दूसरा चरण 2025 तथा तीसरा और अंतिम चरण 2030 तक पूरा होगा।

बता दें, कुछ दिन पहले ही चीन ने फराखदिली दिखाते हुए पाकिस्तान के छोटे से तटीय शहर ग्वादर के लिए 50 करोड़ डॉलर यानी करीब 3300 करोड़ रुपए की ग्रांट दी है। इस क्षेत्र में और भी कई विकास योजनाएं चीन चला रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार- चीन ऐसा करके पाकिस्तान में अपने पैर जमा रहा है और पाकिस्तान पर कब्जा करने की फिराक में है।