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अमरीका की फटकार, कहा- दोस्ती चाहता है तो आतंकवाद को खत्म करे पाकिस्तान

डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है।

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नई दिल्ली। पाकिस्तान को लेकर एक बार फिर से अमरीका का सख्त रुख सामने आया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। ट्रंप ने सीधा कहा है कि यदि पाकिस्तान चाहता है कि हमारी दोस्ती बनी रहे, तो उसे आतंकवाद के खिलाफ सख्ती से पेश आना होगा। यहां ट्रंप ने पाक को दी जाने वाली आर्थिक मदद का जिक्र करते हुए कहा कि हम लोग आतंकवाद के सफाए को लेकर उसको भारी मात्रा में पैसा मुहैया कराते हैं।

चीन और रूस पर निशाना

दरअसल, ट्रंप ने सोमवार को अमरीका की नई सुरक्षा नीति की घोषणा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अमरीका अपने हर सहयोगी देश के लिए सुरक्षा की व्यवस्था करेगा और इससे संबंध सभी जरूरी कदम उठाएगा। हालांकि इसके लिए बहुत पहले ही कदम उठाए जाने थे, लेकिन अब इस पर गंभीरता से काम करने की जरूरत है। अमरीकी राष्ट्रपति ने कहा कि रूस और चीन सुपर पॉवर हैं, जो फिलहाल अमरीका के प्रभाव के विपरीत आगे बढ़ रही हैं। हमारा प्रयास रहेगा कि उनको साथ लेकर आगे बढ़ा जाए। बता दें कि हाफिज सईद को रिहा किए जाने पर अमरीका ने पाकिस्तान को फटकार लगाते हुए कहा कि इसका असर दोनों देशों के रिश्ते पर पड़ सकता है।

अमरीका पर लगाया भारत की भाषा बालने का आरोप

वहीं दूसरी ओर से पाकिस्तान ने सोमवार को अमरीका पर 'भारत की भाषा बोलने' का आरोप लगाया और कहा कि जम्मू एवं कश्मीर विवाद पर इन दोनों देशों के 'समान विचार' हैं। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल नसीर खान जांजुआ (सेवानिवृत्त) ने कहा कि अमेरिका, अफगानिस्तान में भारत को एक बड़ी भूमिका देने के लिए तैयार है, जबकि वह इस क्षेत्र में अपनी असफलता के लिए पाकिस्तान को दोष देता है। 'डॉन' ने एनएसए के हवाले से कहा कि अमरीका ने भारत को पाकिस्तान के मुकाबले स्पष्ट तौर पर प्राथमिकता दी है, जबकि भारत पाकिस्तान के साथ परंपरागत युद्ध की लगातार धमकी दे रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान पर हक्कानी नेटवर्क और तालिबान के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया, जबकि असल में पाकिस्तान ने जबसे अमेरिका के साथ अपनी सेना का गठबंधन किया, तभी से वह आतंकवाद का सामना कर रहा है। पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में भारी कीमत चुकाई है, लेकिन विश्व ने इस नुकसान को कभी स्वीकार नहीं किया।