
बैंकिंग रिकॉर्ड मामले में बुरे फंसे राष्ट्रपति ट्रंप, अदालत से नहीं मिली राहत
वाशिंगटन। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( President Donald Trump ) को एक बड़ा झटका लगा। दरअसल, बुधवार को अमरीका की संघीय न्यायाधीश ने डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अपने बैंकिंग रिकॉर्ड के लिए कांग्रेस की ओर से जारी सम्मन पर रोक लगाने की मांग को खारिज कर दिया। न्यूयॉर्क ( new york ) के दक्षिणी जिले के अमरीकी जिला न्यायालय में निर्णय का मतलब है कि ड्यूश बैंक और कैपिटल वन राष्ट्रपति के वित्तीय रिकॉर्ड को सदन में डेमोक्रेट को सौंप सकते हैं। बता दें कि ट्रम्प के वकीलों, उनके परिवार और ट्रम्प ऑर्गनाइजेशन ने इस महीने के शुरू में एक प्रारंभिक निषेधाज्ञा के तहत दोनों संस्थानों हाउस फाइनेंशियल सर्विसेज और इंटेलिजेंस कमेटी को दस्तावेज सौंपने से रोकने के लिए मुकदमा दायर किया था।
सोमवार को अन्य मामले में खारिज हो चुका था अनुरोध
ट्रंप के वकील विलियम कॉन्सवॉय, पैट्रिक स्ट्रॉब्रिज और मार्क मुक्सेय ने लिखा कि बैंक द्वारा एक बार कांग्रेस को अनुरोधित जानकारी देने के बाद उसे वापस लेने का कोई रास्ता नहीं होगा। उन्होंने आगे लिखा कि समिति ने गोपनीय दस्तावेजों की समीक्षा की होगी कि यह न्यायालय बाद में अवैध सम्मन को निर्धारित कर सकता है। हालांकि अमरीकी जिला न्यायाधीश एडगार्डो रामोस ने बुधवार को कहा कि ट्रम्प का मुकदमा सफल होने की संभावना नहीं थी। मालूम हो कि सोमवार को वाशिंगटन में एक संघीय न्यायाधीश द्वारा अलग मामले में ट्रम्प लीगल टीम के तर्क को खारिज कर दिया जिसमें मांग किया गया था कि ट्रम्प की लेखा फर्म, मजर्स यूएसए से रिकॉर्ड के लिए हाउस ओवरसाइट समिति की मांगों को ब्लॉक करने का अनुरोध किया गया था। इसको लेकर मंगलवार को ट्रम्प के वकीलों ने न्यायाधीश को सूचित किया कि उन्होंने उस फैसले के 'सभी पहलुओं' की अपील की है।
ये है मामला
वाशिंगटन डीसी अदालत के जज मेहता ने ट्रंप के वकीलों की इस दलील को खारिज कर दिया कि अमरीकी कांग्रेस को इस तरह के दस्तावेजों को मंगाने का कोई अधिकार नहीं है। वकीलों ने यह भी दलील दी थी कि कांग्रेस के इस तरह के आरोपों में कोई भी दम नहीं है। लेकिन जज ने ये दलील खारिज कर दी। अपने फैसले में जज मेहता ने कहा, " यह सब कुछ इतना आसान नहीं है। अमरीकी संविधान कांग्रेस को यह अधिकार देता है कि वह राष्ट्रपति के किसी अपराध में शामिल होने पर उनको अपने पद से हटा सकती है। राष्ट्रपति के पूर्व में किए गए कार्यो के लिए भी वर्तमान में उनको उत्तरदायी बनाया जा सकता है।" जज ने इस मामले में वाइट हाउस को अपील करने के लिए एक सप्ताह का वक्त दिया है। ट्रंप पर आरोप है कि फर्जी कंपनियों के जरिए उन्होंने अपने व्यापारिक मुनाफे के रिकार्ड में फेरबदल किया। इस काम से उनके लाखों रुपये बच गए, जोकि अमरीकी सरकार को टैक्स के रूप में जाने चाहिए थे। यही नहीं, ट्रंप पर यह भी आरोप लगा रहा है कि टैक्स चोरी किए गए फंड का इस्तेमाल अमरीकी चुनाव में रूस की मदद हासिल करने के लिए भी किया गया।
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Updated on:
23 May 2019 03:20 pm
Published on:
23 May 2019 07:42 am
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