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गर्भनाल काटने में देरी से घट सकती है नवजातों की मृत्यु दर

नई उम्मीद : ऑस्ट्रेलिया के एनएचएमआरसी की दो महिला शोधकर्ताओं का निष्कर्ष, 60 फीसदी तक बढ़ते हैं रेड ब्लड सेल्स

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गर्भनाल काटने में देरी से घट सकती है नवजातों की मृत्यु दर

गर्भनाल काटने में देरी से घट सकती है नवजातों की मृत्यु दर

वॉशिंगटन. जन्म के तुरंत बाद गर्भनाल काटना आम बात है। अब एक शोध में दावा किया गया है कि गर्भनाल कुछ देर बाद काटने से नवजात मृत्यु दर के खतरे को आधा किया जा सकता है। शोध द लांसेट में प्रकाशित हुआ है।

ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय स्वास्थ्य और चिकित्सा अनुसंधान परिषद (एनएचएमआरसी) की दो शोधकर्ताओं डॉ. अन्ना लेने सीडलर और प्रोफेसर लिसा एस्की की शोध रिपोर्ट के मुताबिक अगर गर्भनाल काटने में देरी की जाए तो इससे बच्चे के शरीर में रक्त की मात्रा में बढ़ोतरी हो सकती है। इसके अलावा ब्लड प्लेटेलेट्स में आयरन का स्तर बढ़ता है। गर्भनाल देरी से काटने के कारण शिशु के शरीर में रेड ब्लड सेल्स 60 फीसदी तक बढ़ जाते हैं, जबकि वॉल्यूम में 30 फीसदी तक इजाफा होता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि गर्भनाल काटने में कुछ देर से जन्म के तुरंत बाद मृत्यु रोकने की संभावना 91 फीसदी तक बढ़ जाती है।

1.3 करोड़ बच्चों का जन्म समय से पहले

शोधकर्ता डॉ. अन्ना लेने सीडलर का कहना है कि दुनियाभर में हर साल करीब 1.3 करोड़ बच्चे समय से पहले पैदा होते हैं। जन्म के कुछ समय बाद इनमें से करीब 10 लाख बच्चे मर जाते हैं। शोध के निष्कर्ष बताते हैं कि गर्भनाल काटने में दो मिनट या उससे ज्यादा समय तक इंतजार करने से समय से पहले जन्मे बच्चों की जान बचाने में काफी मदद मिल सकती है।

9,000 बच्चों के डेटा का विश्लेषण

शोधकर्ताओं की टीम ने करीब 9,000 बच्चों के 60 क्लिनिकल परीक्षण डेटा का विश्लेषण किया। इसमें पाया गया कि जन्म के 30 सेकंड या इससे ज्यादा देर बाद गर्भनाल को काटा गया तो समय से पहले जन्म लेने वाले शिशुओं में मृत्यु का जोखिम उन बच्चों की तुलना में एक तिहाई कम हो गया, जिनकी गर्भनाल को जन्म के तुरंत बाद काटा गया था।