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अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान को बताया ‘आतंक का हार्वर्ड’

Afghan Peace Talks: अमरीका और तालिबान ने सातवें दौर की बातचीत शुरू की है
अफगानिस्तान से अमरीकी सैनिकों की वापसी को लेकर विचार किया जा रहा है

Jul 03, 2019 / 10:20 am

Anil Kumar

डोनाल्ड ट्रंप

अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान को बताया ‘आतंक का हार्वर्ड’

वाशिंगटन। अफगानिस्तान में शांति बहाली की प्रक्रिया के तहत अमरीका तालिबान से वार्ता कर रहा है। लेकिन इस बीच अमरीकी रास्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक बड़ा बयान सामने आया है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अफगानिस्तान ‘आतंक का हार्वर्ड’ है। सोमवार को फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि अफगानिस्तान से 9000 अमरीकी सौनिकों को वापस बुलाना एक बड़ी समस्या है। ट्रंप ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान आतंकवादियों के लिए एक प्रयोगशाला है।

क्या कहा ट्रंप ने

ट्रंप ने कहा कि वह अमरीकी सैनिकों को अफगानिस्तान से बाहर निकालना चाहते हैं, लेकिन चिंतित हैं कि अमरीकी सैन्य उपस्थिति के बिना अफगानिस्तान को अमरीका पर आतंकवादी हमलों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

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अमरीकी सैन्य अधिकारियों के साथ हुई बातचीत को याद करते हुए ट्रंप ने कहा कि वे सैनिकों को हटाने की अपनी इच्छा बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि सेना का मानना है कि आतंकवादियों का मुकाबला अफगानिस्तान में रहकर करने से बेहतर होगा कि अपनी धरती से किया जाए।

बता दें कि बीते दिन काबुल में हुए तालिबानी आतंकी हमले में 40 लोगों के मारे जाने और 100 से अधिक लोगों के घायल होने की घटना को बाद ट्रंप ने यह साक्षात्कार दिया है।

अमरीका और तालिबान के बीच अफगानिस्तान शांति वार्ता

अमरीका और तालिबान बीच सातवें दौर की वार्ता

अफगानिस्तान में बीते 18 साल से चल रहे युद्ध को समाप्त करने को लेकर सोमवार को अमरीका ने तालिबान के साथ सातवें दौर की शांति वार्ता शुरू की। अमरीकी विशेष शांति दूत खलीलजीद ने सोमवार को कतर में तालिबान के साथ शांति वार्ता ( Taliban America talks ) के लिए बैठक की।

शांति वार्ता का फोकस तालिबान की मांग रही है कि विदेशी ताकतें अफगानिस्तान को छोड़ दें और अमरीका की मांग रही कि इस बात की गारंटी दी जाए कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकी हमलों के लिए नहीं किया जाएगा।

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अमरीका के लिए नासूर बना अफगानिस्तान

11 सितंबर 2001 को न्यूयॉर्क और पेंटागन पर हुए हमलों के जवाब में अमरीका अफगानिस्तान में युद्ध के लिए गया था। सऊदी में जन्मे अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन को शरण देने वाले तालिबान आतंकवादियों के खिलाफ अमरीका ने मुहिम छेड़ी। इस संघर्ष में लगभग 2,400 अमरीकी सेना अब तक मारे गए हैं।

बता दें कि लादेन ने 2001 के हमले को अंजाम दिया था। हालांकि बाद में अमरीका ने लादेन को पाकिस्तान के एबटाबाद में मार गिराया था।

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