
ट्रंप की जीरो टॉलरेंस के कारण महीनों जेल में कैद रहे पांच सिख, अब रिहा होकर सुनाई आपबीती
वाशिंगटन। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने निवार्चन के बाद से ही इमिग्रेंट्स पर सख्ती करते देखे गए। उन्होंने इसके लिए 'जीरो टॉलरेंस' नाम की एक विवादित का भी ऐलान किया था। इसके तहत पिछले तीन महीने से ओरेगन स्टेट की जेल में कैद आठ इललीगल इमिग्रेंट्स को मुचलके पर रिहाई दी गई है। आपको बता दें कि इनमें पांच सिख भी शामिल हैं।
मई महीने से जेल में बंद हैं 52 भारतीय
इस बात की जानकारी इमिग्रेंट वकीलों ने दी है। इसके साथ ही मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि इन सभी लोगों ने अमरीका से वहां रहने के लिए आश्रय की मांग उठाई है। बता दें कि वहां रहने की मांग करने वाले बड़े इमिग्रेंट समूह में भारतीयों की तादाद व्यापक मात्रा में है। इसके चलते बीते मई महीने से करीब 52 भारतीयों, जिनमें ज्यादातर सिख हैं, को ओरेगन के एक हिरासत केंद्र में बंद रखा गया है। इतना ही नहीं शेरिडान जेल में बंद 124 इमिग्रेंट्स में भी भारतीयों की संख्या सबसे अधिक है।
तीन महीने का समय जेल में काटने के बाद आखिरकार बाहर आए
आपको बता दें कि ओरेगन जेल में करीब तीन महीने का समय काटने के बाद ये लोग आखिरकार बाहर घूमते दिखाई दिए। जेल से छुटने के बाद 24 वर्षीय करनदीप सिंह ने अपनी आप बीती सुनाई। उनका कहना है कि शुरू में उन्हें कोई आशा नहीं थी कि ऐसा कुछ होगा, अब यह सपने की तरह लगा रहा है। उन्होंने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं, हमारी मदद करने वाले सभी लोगों को धन्यवाद।'
रिहा होकर सुनाई अपनी आप-बीती
इसके साथ ही करनदीप ने बताया कि उन्हें जेल के अंदर सिख रीति-रिवाजों का पालन करने में कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालांकि उन्होंने इसके लिए जेल अधिकारियों को दोषी नहीं ठहराया। उन्होंने कहा कि शायद अधिकारियों को नहीं है कि सिख किस प्रकार प्रार्थना करते हैं। वहीं रिहा हुए एक अन्य भारतीय का कहना है कि उन्हें कोठरी से बाहर भी नहीं निकलने दिया जाता था। यहां तक की उन्हें वहां कोई जानता तक नहीं था।
Published on:
24 Aug 2018 02:06 pm
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