
Journey of trump, started on lies and ended on lies, cross 22000 mark
नई दिल्ली। जो बाइडन अमरीका के 46 वें राष्ट्रपति के चुनाव को जीत गए हैं। व्हाइट की इस रेस में जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंन के बीच कढ़ी टक्कर देखने को मिली। नतीजों के आखिरी दौर में जो बाइडन अधिकतर मौकों पर शांत ही रहे, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप की ओर से झूठ बोलना शुरू कर दिया। खास बात तो यह रही कि कुछ अमरीकी मीडिया हाउस ने ट्रंप के कवरेज को बंद कर दिया। खैर डोनाल्ड ट्रंप के लिए झूठ बोलना कोई नया नहीं है। उनके पॉलिटिकल करियर की शुरूआत ओबामा के बारे में झूठ बोलने को लेकर ही शुरू हुई थी। ट्रंप ने बराक ओबामा के अमरीकी होने पर ही सवाल उठा दिया। अब अंत में नतीजों में गड़बड़ी और उनकसाने वाले भाषणों से आम लोगों को गुमराह करने तक उनका झूठ जारी रहा। एक रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने अपने कार्यकाल में ही 20 हजार से ज्यादा झूठ बोले हैं।
जब अमरीकी मीडिया हाउस ने ट्रंप का कवरेज किया बंद
अमरीका के तीन प्रमुख नेटवर्क एबीसी, सीबीएस और एनबीसी ने चुनाव की अखंडता पर सवाल उठाने ट्रम्प की प्रेस कॉन्फ्रेंस से अपने आपको दूर कर लिया। सीएनएन और फॉक्स ने उनके भाषण को सिर्फ को सिर्फ कैप्शन के तौर चलाया और उसके बाद उनके सभी दावों को खारिज कर दिया। एमएसएनबीसी ने तो एक सप्ताह पहले ही ट्रंप को दिखाना बंद कर दिया था। मौजूदा समय में सभी लोग जागृत हो रहे हैं। प्रत्येक सच को भी संदेह की दृष्टी से देखते हैं। ऐसे समय में अमरीकी मीडिया झूठ को झूठ कहने के लिए सामने आया है।
राष्ट्रपति रहते ही मीडिया ने खोलनी शुरू कर दी थी पोल
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वाशिंगटन पोस्ट के पॉल फरही ने बताया कि पिछले जून में कैसे समाचार मीडिया ने ट्रम्प के झूठ को नंगा कर शुरू कर दिया था। न्यूयॉर्क टाइम्स ने ही इसकी शुरुआत से पहले विशिष्ठ परिस्थितियों और विवेकपूर्ण तरीके से की थी। सीएनएन ने मुलर रिपोर्ट पर ट्रम्प टीम के सबके सामने लेकर आया और न्यू यॉर्कर ने पता लगाया कि ट्रम्प ने जानबूझकर लोगों से झूठ क्यों बोला। स्टॉर्मी डैनियल्स के चक्कर के दौरान, वाशिंगटन पोस्ट तथ्य और इंवेस्टीगेशल के साथ सबके सामने लेकर आया था, जो भा्रमक नहीं, सिर्फ झूठ था। ट्रंप के गुमराह करने के वाले पोस्ट को ट्वीटर ने भी लेना शुरू कर दिया। यहां तक कि चेतावनी का एक लेबल भी लगाया शुरू कर दिया।
झूठ से ही शुरू हुई थी पॉलिटिकल करियर की शुरुआत
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ट्रम्प के राजनीतिक करियर की शुरुआत ओबामा के विदेशी जन्म के बारे में उनके डेमोक्रेटिक नेताओं को शैतानवादी अंगूठी, पीडोफाइल जैसे षड्यंत्रों से हुई थी। ट्रम्प ने खुद अनुमान लगाया है कि जलवायु परिवर्तन एक चीनी धोखा है, यहां तक कि उन्होंने कहा था कि एंटोनिन स्कैलिया की हत्या हो सकती है, टेड क्रूज़ के पिता कैनेडी की हत्या से जुड़े थे और उन्होंने इस तरह के कई झूठ बोले हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मिसइनफॉर्मेशन एक सोची समझी रणनीति थी।
सिस्टमैटिक था झूठ का प्रचार
हार्वर्ड के प्रोफेसर योचाई बेनक्लर के एक अध्ययन के अनुसार 2015 और 2018 के बीच, मुख्यधारा के मीडिया की सोशल मीडिया की तुलना में ट्रंप को बढ़ाने में बड़ी भूमिका थी। वे व्हाइट हाउस की घटनाओं को कवर करने से इनकार नहीं कर सकते थे। ऐसे में ट्रंप ने अपने झूठ को फैलाने का काम पूरे सिस्टैमिक रूप से किया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार झूठ को बार-बार बोलने से लोग उस बात पर विश्वास भी कर सकते हैं। ट्रम्प ने सफलतापूर्वक अपने उकसावे वाले बयानों के साथ मीडिया का खूब इस्तेमाल किया।
कार्यकाल में बोले 22 हजार से ज्यादा झूठ
पॉलिटीफैक्स की रिपोर्ट के अनुसार डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान कुल 22,247 झूठे बयान दिए हैं। ट्रंप सबसे ज्यादा झूठ ने अपने कार्यकाल में मजबूत अमरीकी अर्थव्यवस्था का निर्माण पर 407 झूठ बोला है। वहीं मैक्सिकों बॉर्डर पर दीवार बनाने पर ट्रंप की ओर से 262 बार झूठ बोला गया। वहीं 236 बार झूट उन्होंने 2016 के अमरीकी चुनावों में रशियन डील को लेकर झूठ बोला। इस बात का खुलाया मूलर रिपोर्ट भी करती है। वैसे मूलर कोर्ट में इस बात को साबित नहीं कर सके।
Updated on:
08 Nov 2020 06:59 am
Published on:
08 Nov 2020 06:54 am
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