हो सकती है 25 साल ही जेल
मोदी पर मैनहट्टन में स्थित एक डायमंड होलसेल कंपनी से 2.6 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के हीरे लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में ‘फस्र्ट डिग्री में बड़ी चोरी’ का आरोप लगाया गया है। न्यूयॉर्क राज्य के कानूनों के तहत पहली डिग्री में बड़ी चोरी के अपराध से मतलब 1 मिलियन डॉलर से अधिक की चोरी है, जिसमें अधिकतम सजा 25 साल की जेल है। न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, मोदी ने अदालत को बताया कि वह इस आरोप के दोषी नहीं हैं और फिर उन्हें बिना जमानत के ही रिहा कर दिया गया। न्यूयॉर्क में न्यायिक प्रक्रिया के तहत प्रोसीक्यूटर्स ने मामले को पहले जूरी के सामने पेश किया, जिसने तय किया कि इस मामले को आगे बढ़ाना चाहिए।
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5 साल पहले हुई थी शरुआत
धोखाधड़ी की शुरूआत 2015 से होती है, जब नेहल मोदी ने एक कंपनी के साथ मिलकर झूठा प्रजेंटेश करने के लिए एलएलडी डायमंड्स यूएसए से 2.6 मिलियन डॉलर मूल्य के हीरे लिए। प्रोसीक्यूशन ने कहा कि मार्च 2015 में मोदी ने पहली बार कंपनी से उसे लगभग 8,00,000 डॉलर मूल्य के हीरे देने के लिए कहा और दावा किया कि वह उन्हें कॉस्टको होलसेल कॉर्पोरेशन नाम की कंपनी को संभावित बिक्री के लिए दिखाएगा। कॉस्टको एक चेन है जो अपने सदस्यों के रूप में जुडऩे वाले ग्राहकों को कम कीमत पर हीरे बेचती है। फिर मोदी ने दावा किया कि कॉस्टको हीरे खरीदने के लिए सहमत हो गया है और एलएलडी ने उसे 90 दिनों के भीतर भुगतान करने का क्रेडिट दिया।
उसके बाद पता चली धोखाधड़ी
इसके बाद कॉस्टको ने उन हीरों को शॉर्ट टर्म लोन के लिए किसी अन्य कंपनी को दे दिया। इसके बाद फिर से एलएलडी से और हीरे लिए गए। इस दौरान एलएलडी को कुछ भुगतान किया गया लेकिन वह बहुत कम था। बाद में जब तक एलएलडी को पूरी धोखाधड़ी का पता चला और उसने हीरे या उनके पैसे मांगे, तब तक मोदी सभी हीरों को बेचकर उसका पैसा खर्च कर चुका था। इसके बाद एलएलडी ने मैनहट्टन के प्रोसीक्यूटर के ऑफिस में शिकायत दर्ज कराई।
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जारी हुआ था रेड कॉर्नर नोटिस
बता दें कि नेहल मोदी पंजाब नेशनल बैंक से जुड़े 13,500 करोड़ रुपये (लगभग 1.9 बिलियन डॉलर) की धोखाधड़ी के मामले में भारत में वॉन्टेड है और भारत के अनुरोध पर इंटरपोल ने एक रेड नोटिस भी जारी किया है। यह दुनिया भर में कानून लागू करने वाली एजेंसियों से उसकी गिरफ्तारी के लिए अनुरोध करता है। नेहल का प्रत्यर्पण अभी लंबित है।