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अमरीका ने दिया फिलिस्तीन को झटका, शरणार्थियों दो जाने वाली आर्थिक सहायता रोकी

आर्थिक सहायता रुकने से शरणार्थियों को अब काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

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वाशिंगटन। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र एजेंसी को दी जाने वाली आर्थिक मदद को पूरी तरह से समाप्त करने का घोषणा की है। साथ ही, फिलिस्तीनी शरणार्थियों की संख्या में भारी कमी करने का भी आह्वान किया है। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने शुक्रवार देर रात मीडिया को बताया कि फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के संबंध में यह घोषणा अगले कुछ हफ्तों में हो सकती है।

इसलिए रोकी आर्थिक सहायता
अमरीकी विदेश विभाग ने शुक्रवार को इस एजेंसी को 'सुधार न होने वाली त्रुटि' करार दिया और कहा कि अमरीकी प्रशासन ने मामले की 'सावधानी पूर्वक समीक्षा' की है और 'यूएनआरडब्ल्यू को कोई अतिरिक्त सहायता उपलब्ध नहीं कराई जाएगी।' अमरीका यूएनआरडब्ल्यूए में अब तक सबसे ज्यादा सहायता करने वाला देश रहा है। इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र आम सभा ने 1948 में अरब-इजरायल युद्ध के बाद विस्थापित फिलिस्तीनियों की देखभाल के लिए की थी। अमरीका ने 2017 में एजेंसी को 35 करोड़ डॉलर दिए थे।
उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया फैसला
अधिकारी ने बताया कि यह निर्णय अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दामाद और व्हाइट हाउस के वरिष्ठ सलाहकार जेराड कुशनर और विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के बीच बैठक में लिया। यूएनआरडब्ल्यूए वेस्ट बैंक, गाजा, जार्डन, सीरिया और लेबनान में पंजीकृत फिलिस्तीनी शरणार्थियों को शिक्षा, स्वास्थ्य और समाजिक सेवा मुहैया कराती है।

फिलीस्तीन ने की अमरीका की निंदा
फिलीस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के प्रवक्ता ने अमरीका के इस कदम को फिलीस्तीन के लोगों के खिलाफ 'हमला' बताया है। यूएनआरडब्ल्यूए के प्रवक्ता क्रिस गुनेस ने ट्रंप के इस कदम की सिलसिलेवार ट्वीट कर आलोचना की। गुनेस ने ट्वीट कर कहा, "हम इस बात को कड़े शब्दों में नकारते हैं कि यूएनआरडब्ल्यूए के स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र और आपात सहायता कार्यक्रम सुधार न होने वाली त्रुटि हैं।"