बता दें कि मंगलवार को मध्यावधि चुनाव के लिए हुए मतदान को ट्रंप के दो सालों के शासन के लिए जनमत संग्रह के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि चुनाव परिणमों से ट्रंप की हैसियत पर कोई असर नहीं पड़ेगा लेकिन अब यह तय है कि उनकी राह बेहद मुश्किल होने वाली है। डेमोक्रेटिक पार्टी आठ साल बाद अमरीकी कांग्रेस के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में बहुमत में आई है। बीते दो सालों ने ट्रंप ने जिस तरह एक के बाद एक कई विवादस्पद योजनाएं लागू कीं, अब उनके लिए बिना कोई अड़चन आगे बढ़ना मुश्किल है। मध्यावधि चुनाव के नतीजों ने अमरीकी राजनीति की दिशा को बदल दिया है। मनमानी आर्थिक नीतियों, रूस, ईरान पर प्रतिबंध और चीन तथा भारत सहित कई देशों के साथ नीतियों को लेकर ट्रंप तीखे सवालों की जद में है।अब उनके फैसलों को चुनौती मिलना तय है। हालांकि, नतीजों के बाद भी राष्ट्रपति ट्रंप ने जनता का शुक्रिया अदा किया है।
चुनावों में अमरीकी जनता ने जमकर वोट किया है। एक तरफ जहां रिपब्लिकन पार्टी को सीनेट में बहुमत मिला वहीं लेकिन डेमोक्रैट्स ने हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव पर कब्जा जमा लिया है। 2016 के चुनावों के बाद से अब तक राष्ट्रपति ट्रंप को दोनों ही सदनों में बहुमत के कारण अपने कामों में खुली छूट मिली थी। अब निचले सदन में बहुमत न होने के कारण संतुलन की स्थिति बन गई है। इसके बाद दोनों पार्टियों के बीच सत्ता की तनातनी देखने को मिल सकती है।डेमोक्रेटिस की नेता नैंसी पेलोसी ने जीत के बाद अपने भाषण में मतदाताओं को धन्यवाद देते हुए नया अमरीका बनाने का वादा किया है। बता दें कि मध्यावधि चुनाव के नतीजों पर ट्रंप ने कई ट्वीट किए हैं। अपने एक ट्वीट में ट्रंप ने कहा है, ”105 सालों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी राष्ट्रपति ने सीनेट में बहुमत हासिल किया हो।”