
वाशिंगटन। आख़िरकार अमरीका ने मेक्सिको ( Mexico) को प्रवासियों के मुद्दे पर घेर ही लिया । एक आश्चर्यजनक घोषणा में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump ) ने गुरुवार को घोषणा की कि वह सभी मैक्सिकन आयातों पर 5% टैरिफ लगा रहे हैं। इस टैरिफ को मध्य अमरीकी प्रवासियों की बाढ़ रोक पाने में मेक्सिको की नाकामी की सजा के रूप में देखा जा रहा है। ट्रंप की योजना 10 जून से प्रभावी होगी। इसके बाद मेक्सिको से अमरीका में आने वाले सामान पर 5 % अतिरिक्त ड्यूटी लग जाएगी। आपको बता दें कि मध्य अमरीकी प्रवासियों की एक बड़ी संख्या अमरीकी सीमा में घुसने की लगातार कोशिश करती रही है।
मेक्सिको पर 5% टैरिफ
अपने एलान में ट्रंप ने कहा कि कर का यह प्रतिशत धीरे-धीरे बढ़ेगा और यह अधिकतम 25% तक जा सकता है। ट्रंप ने कहा, "जब तक अवैध आव्रजन समस्या का निवारण नहीं हो जाता है, तब तक यह टैरिफ धीरे-धीरे बढ़ता रहेगा।" ट्रंप ने गुरुवार को ट्वीट करके घोषणा की कि वह "एक बड़ा बयान" देने की योजना बना रहे हैं जो मेक्सिको सीमा मुद्दे पर अब तक का उनका सबसे बड़ा कदम होगा। उसके कुछ देर बाद ही ट्रंप ने इस टैरिफ का एलान किया। ट्रंप ने इस टैरिफ का एलान करते हुए कहा,"10 जून से संयुक्त राज्य अमरीका, मेक्सिको से आने वाले सभी सामानों पर 5% टैरिफ लगाएगा, जब तक कि मेक्सिको के माध्यम से आने वाले अवैध प्रवासियों और अवैध आव्रजन समस्या को दूर नहीं किया जाता है।" ट्रंप ने इस आशय का एक ट्वीट किया। ट्रंप ने मैक्सिकन सरकार पर आरोप लगाया है कि वह अल सल्वाडोर, होंडुरास और ग्वाटेमाला सहित देशों से शरण की तलाश में अमरीका में आने वाले मध्य अमरीकी प्रवासियों के प्रवाह को रोकने के लिए विफल रही है।
क्या है इस टैरिफ का असली मकसद
अचानक लगाया गया यह टैरिफ एक अजीबोगरीब समय पर आया है। ट्रंप प्रशासन जल्द ही संयुक्त राज्य अमरीका-मेक्सिको -कनाडा समझौते को पारित करने के लिए जोर दे रहा है जो उत्तर अमरीकी मुक्त व्यापार समझौते को जीवित करेगा। इसके लागू होने के बाद इन तीनों देशों में मुक्त व्यापार का रास्ता खुल जाएगा। बता दें कि ट्रंप ने कुछ दिन पहले ही मैक्सिकन और कनाडाई स्टील तथा एल्यूमीनियम पर आयात करों को हटा दिया था। अब उनके नए एलान से मुक्त व्यापार समझौते की राह में एक नई मुश्किल खड़ी हो गई है। ऐसा कदम जो उत्तर अमरीकी व्यापार समझौते के पारित होने के लिए सबसे बड़ी बाधा बन सकता है। पिछले नवंबर में तीन देशों के नेताओं द्वारा ट्रंप के 2020 के विधायी एजेंडे के आधार के रूप में इसे स्वीकार किया गया था। लेकिन अभी तीनों देशों की संसदों को इसका अनुमोदन करना है।
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Updated on:
01 Jun 2019 07:48 am
Published on:
31 May 2019 09:08 am
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