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अमरीका ने अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत की बैठक का किया बहिष्कार

अमरीका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत (आईसीसी) को गठित करने वाले विधान की 20 वीं सालगिरह पर बुलाई बैठक का बहिष्कार किया है।

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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद

अमरीका ने अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत की बैठक का किया बहिष्कार

संयुक्त राष्ट्र। अमरीका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत (आईसीसी) को गठित करने वाले विधान की 20 वीं सालगिरह पर बुलाई बैठक का बहिष्कार किया है। बता दें कि अमरीका विश्व के पहले स्थायी युद्ध अपराध न्यायाधिकरण का हिस्सा नहीं है। एक अमरीकी अधिकारी ने बताया कि ट्रंप प्रशासन ने काफी सोच विचार के बाद इस बैठ का बहिष्कार किया है। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में अफगानिस्तान की स्थिति से संबंधित अमरीकी कर्मियों की संभावित आईसीसी जांच के बारे में पता चला था। अमरीकी अधिकारी ने कहा कि हमारी नीति के अन्य पहलुओं की समीक्षा फिलहाल जारी है।

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अमरीका संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से पहले ही हो चुका है बाहर

आपको बता दें कि सुरक्षा परिषद में 15 सदस्य हैं जिसमें पांच स्थाई सदस्य हैं जबकि 10 अस्थाई सदस्य हैं। परिषद के 15 सदस्य इस औपचारिक बैठक में हिस्सा लेने के लिए बाध्य नहीं हैं। लेकिन अब से पहले ऐसा नहीं हुआ है कि किसी भी सदस्य इस बैठक का बहिष्कार किया हो। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन, रूस और परिषद के अन्य सदस्य जो कि आईसीसी का समर्थन नहीं करते हैं वे भी इस बैठक में शामिल हुए और अपनी बात रखी। गौरतलब है कि बीते दिनों अमरीका ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार से बाहर होने का ऐलान किया था। अमरीका ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार में काफी सुधार करने की आवश्यकता है। इस बात को लेकर अमरीका लगातार लंबे समय से बाहर होने की धमकी देता रहा था। अमरीका ने आरोप लगाया है कि 47 सदस्यों वाली यह परिषद इजरायल विरोधी है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संस्था से बाहर होते हुए अमरीका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और संयुक्त राष्ट्र के लिए अमरीका की दूत निकी हेली ने एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की घोषणा की। बता दें कि अमरीका संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संस्था से बाहर होने से पहले तीन वर्ष तक इसका सदस्य था। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में सुधार के लिए अमरीकी मांगों को नहीं माना गया था, जिसके बाद से तय हो गया था कि अमरीका संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से हट जाएगा।