13 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जूलियन असांजे पर जल्द कसेगा अमरीकी शिकंजा, ब्रिटिश गृहमंत्री ने प्रत्यर्पण को दी मंजूरी

अमरीकी कंप्यूटरों को हैक करने और वहां के कानूनों को तोड़ने का आरोप असांजे ने कई बड़े खुलासे किए, पनामा पेपर लीक अब तक का सबसे बड़ा खुलासा जूलियान असांजे को जासूसी अधिनियम के तहत आरोपित किया गया है

2 min read
Google source verification
assange

जूलियन असांजे पर कसा शिंकजा, अमरीका ने ब्रिटेन से प्रत्यर्पण का अनुरोध किया

वॉशिंगटन। संयुक्त राज्य अमरीकी की सरकार ने बुधवार को विकीलीक्स ( wikileaks ) के संस्थापक जूलियन असांजे ( Julian Assange ) के लिए यूनाइटेड किंगडम (UK) को औपचारिक रूप से एक प्रत्यर्पण अनुरोध प्रस्तुत किया था। इसपर गुरुवार को ब्रिटिश गृह मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। यूके के गृह सचिव साजिद जाविद ( Sajid Javid ) ने अमरीकी प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।

बता दें कि असांजे पर अमरीकी कंप्यूटरों को हैक करने और वहां के कानूनों को तोड़ने का आरोप है। इस आरोप के तहत इस साल असांजे को ब्रिटेन स्थित इक्वाडोर के दूतावास से गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल, वह ब्रिटेन की जेल में कैद है।

आपको याद दिला दें कि विकीलीक्स के संस्थापक असांजे ने कई बड़े खुलासे किए हैं। पनामा पेपर लीक विकीलीक्स का सबसे बड़ा खुलासा था। इस खुलासे में भारत,पाकिस्तान समेत कई देशों में भ्रष्टाचार के मामले सामने आए।

पाकिस्तान: इमरान सरकार का बड़ा ऐलान, कहा- रक्षा बजट में नहीं हुआ कोई बदलाव

असांजे को 170 साल की हो सकती है सजा

बीते दिनों अमरीका ने असांजे पर जासूसी अधिनयम के तहत 17 नए आरोप लगाए हैं। अमरीका की एक संघीय ग्रैंड जूरी ने जूलियन असांजे के खिलाफ जासूसी अधिनियम के तहत 17 अतिरिक्त आरोपों की घोषणा की। अमरीका का नया अभियोग 2010 में प्रकाशित विकीलीक्स के अमरीकी दस्तावेजों से संबंधित है। आरोपों में कहा गया कि असांजे ने गलत तरीके से उन व्यक्तियों के नामों का खुलासा किया जो अमरीकी सरकार के साथ काम कर रहे थे। असांजे को जासूसी अधिनियम के तहत आरोपित किया जा रहा है। अगर यह आरोप साबित हो गए तो उनको अधिकतम 170 साल की सजा हो सकती है। इससे मतलब है कि प्रत्येक आरोप के लिए उन्हें दस साल की सजा हो सकती है।

ट्रंप से टकराव की राह पर डेमोक्रेट्स, विलियम बर्र और मैकघन पर भी कसा शिकंजा

अमरीका, ब्रिटेन और स्वीडन के बीच फंसे असांजे

असांजे ने लंदन में इक्वाडोर के दूतावास में लगभग सात साल बिताए थे। यहां पर उन्होंने 2012 में शरण ली थी। कहा जा रहा है कि नई इक्वाडोर सरकार की अमरीका के साथ एक कथित समझौते के बाद असांजे की शरण रद्द कर दी गई थी और ब्रिटिश पुलिस ने उसे अप्रैल में दूतावास से अपनी हिरासत में ले लिया था। इक्वाडोर ने असांजे के सभी निजी सामानों को भी जब्त कर लिया है। असांजे वर्तमान में लंदन के बेल्मार्श क्राउन जेल में है। वह इक्वाडोर में शरण मांगकर ब्रिटेन की जमानत का उल्लंघन करने के मामले में 50 महीने की जेल की सजा काट रहे है।

विश्व से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर ..