
Sonkar
अमेठी. राजनैतिक महत्वाकांक्षा के दृष्टिकोण से अहम अमेठी के हर नेता का कद बढ़ाने की होड़ कांग्रेस और बीजेपी दोनों में चल रही है। पूर्व में नगर पालिका के चुनाव में जब महेश प्रताप सोनकर जायस के चेयरमैन चुने गए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली बुलाकर उनका सम्मान बढ़ाया, लेकिन हैरत की बात ये है कि प्रधानमंत्री ने जिसे सम्मान दिया आज उसी व्यक्ति पर करोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप लग रहा है। हालांकि चेयरमैन ने स्वयं पर लगे आरोपों को निराधार बताया है।
लोगों ने किया प्रदर्शन-
शनिवार को अमेठी का जायस नगर पालिका का कैम्पस प्रदर्शनकारी सभासदों के नारों से गूंज रहा था। दर्जन भर से ज्यादा सभासद लामबंद होकर चेयरमैन और पालिका प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। इस बीच सैदाना वार्ड के सभासद पति सादिक मेंहदी ने बताया कि हम लोगों को बताया जाता है कि बजट पास नहीं होता है। जिससे हम सभासद अपनी जेब से बल्ब तक लगाते फिर रहे हैं।
इतने रुपयों का हुआ घोटाला-
बावजूद इसके 10 अगस्त 2018 से लेकर 12 सितम्बर 2018 तक 1 करोड़ 16 लाख 24 हजार 762 रूपए बैंक द्वारा निकासी किए गए। जबकि धरातल पर कुछ नहीं हुआ। जब इसका विरोध किया गया तो कहा गया कि पालिका कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भुगतान कराया गया है। सच्चाई यह है कि पालिका कर्मचारियों का एक माह का वेतन 16 लाख रूपए ही है। आखिर भुगतान कराए गए अन्य रूपए किधर गए। उन्होंने कहा कि चेयरमैन पद का दुरुपयोग कर सभासदों का हनन कर रहे हैं।
महेश प्रताप सोनकर ने आरोप को बताया निराधार-
इस पूरे मामले पर जब जायस नगर पालिका के चेयरमैन महेश प्रताप सोनकर से बात की गई तो उन्होंने आरोप को निराधार बताया। उन्होंने कहा नगर पालिका द्वारा कोई गलत भुगतान नहीं किया गया, अब तक जो भी भुगतान हुआ है वो सफाई व्यवस्था, पानी व्यवस्था और कर्मचारियों के वेतन के लिए हुआ है। सभासद बैठक का बहिष्कार कर नाजायज कार्य कराना चाहते हैं। हम ये काम नहीं करेंगे।
Published on:
29 Sept 2018 10:41 pm
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