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राजीव गांधी के सपने हो रहे चूरचूर, ‘राजीव गांधी सचल स्वास्थ्य सेवा’ के बंद होने से बेरोजगार हुए लोग

गांधी परिवार का गढ़ कहे जाने वाले अमेठी में स्वर्गीय राजीव गांधी का सपना टूट कर चकनाचूर होते नज़र आ रहा है।

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राजीव गांधी के सपने हो रहे चूरचूर, 'राजीव गांधी सचल स्वास्थ्य सेवा' के बंद होने से बेरोजगार हुए लोग

अमेठी. गांधी परिवार का गढ़ कहे जाने वाले अमेठी में स्वर्गीय राजीव गांधी का सपना टूट कर चकनाचूर होते नज़र आ रहा है। उनकी सबसे महत्वाकांक्षी योजना 'राजीव गांधी सचल स्वास्थ्य सेवा' जो उन्होंने अमेठी संसदीय क्षेत्र की गरीब जनता के लिए चलाई थी उसको अमेठी सांसद राहुल गांधी संभाल नहीं पाये। स्वर्गीय राजीव गांधी जब अमेठी आए थे तो अमेठी की दशा व जनता की परेशानियों को देख कर स्वास्थ्य सुविधा के लिए अमेठी में सन 1982 से राजीव गांधी सचल स्वास्थ्य सेवा के नाम से चलते फिरते अस्पताल की सेवा शुरू की गई जिसमें डॉक्टर, कंपाउंडर, लैब असिस्टेंट, दवाएं, जांच आदि की सुविधा होती थी जो कि गांव गांव जाकर घर घर पहुंचकर लोगों को मुफ्त में दवाइयां व जांच तथा इलाज उपलब्ध कराती थी। यह सेवा राजीव गांधी की सर्वाधिक महत्वपूर्ण योजनाओं में से थी जो कि यह सेवा पिछले 5 वर्षों से पूरी तरह बंद हो गई है।

इसके कर्मचारियों की मानें तो इससे अमेठी संसदीय क्षेत्र की लगभग दो हजार जनता का प्रतिदिन लाभ होता था इससे जहां गरीबों को मिलने वाली मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा बंद हो गई, वहीं इस योजना के तहत नौकरी से जुड़े सैकड़ों कर्मचारियों का रोजगार खत्म हो गया। अब वह बेरोजगार हो गए और सड़क पर आ गए हैं। इसके कर्मचारियों का कहना है की इसको चलाने के लिए कई बार राहुल गांधी, सोनिया गांधी प्रियंका गांधी से मिल चुके हैं और पत्राचार भी कर चुके हैं पर सभी ने हम लोगों को झूठा आश्वासन दिया। जिस पर कोई कदम नहीं उठाया गया और हम लोग बेरोजगार हो गए हैं। हम लोग अभी भी इसके चलने की आस लगाए बैठे हैं। इसमें लगाई गई एंबुलेंस की हालत बद से बदतर हो गई है पिछले 7 साल से एक ही जगह पर खड़े खड़े यह एंबुलेंस पूरी तरह सड़ चुकी है। इस पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है और ना ही कोई इसके कर्मचारियों की सुनने वाला है।

वहीं पर कांग्रेस के इस कदम पर विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के अमेठी जिला अध्यक्ष दुर्गेश त्रिपाठी ने पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए कहा की राजीव गांधी के प्रधानमंत्री काल से सचल स्वास्थ्य सेवा का शुभारंभ हुआ था। काफी दिन चली भी लेकिन कुल मिलाकर कांग्रेस की जो नीतियां रही हैं अमेठी की जनता को छलने की उसीका एक हिस्सा वह भी बनी और 2012 में वो बंद कर दी गई। आज मशीनें हैं उसकी गाड़ियां खड़ी हैं उसके जो कर्मचारी रहे हैं वो बेचारे परेशान हैं। उनके जीवन यापन की तमाम समस्याएं सामने आ रही हैं। इससे एक ही चीज साफ़ जाहिर है कि कांग्रेस और कांग्रेस के नेताओं की सोच और खासकर हमारे इस लोकसभा क्षेत्र अमेठी को लेकर सिर्फ़ ठगने के लिए यहां पर सिर्फ़ लोकलुभावन वादे करने के लिए उनकी सारी योजनाएं चलती है और बंद होती है।

वहीं पर जब इस बाबत कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष से बात की गई तो उन्होंने बताया की देखिए वह राजीव जी की सोच थी। तब इतने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं थे। गांव गांव में इतनी सुविधाएं स्वास्थ्य की नहीं थी तो सचल स्वास्थ्य सेवा के माध्यम से यह सेवा गांव स्तर पर लोगों को तात्कालिक इलाज के लिए छोटे-मोटे बीमारियों के लिए उपलब्ध कराई जा रही थी और आज की तारीख में तमाम जगह यहां तक कि राहुल जी ने अपने समय में हर ब्लॉक में एक राजीव गांधी हॉस्पिटल करके जगह-जगह आरोग्य केंद्र स्थापित कराए। हर ब्लॉक में आई कैंप जाकर लगाए जाते हैं और रही बात सचल स्वास्थ्य की तो हर जगह है।