Taj Mahotsav 2025: गोरखपुर के अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी लोक गायक राकेश उपाध्याय ने ताज महोत्सव में अपनी लोकगीतों की शानदार प्रस्तुति दी। उन्होंने महाशिवरात्रि, परदेशी प्रेम और होली से जुड़े गीतों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
Taj Mahotsav 2025: गोरखपुर के अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी लोक गायक राकेश उपाध्याय ने ताज महोत्सव के मुख्य मंच पर अपनी सधी हुई आवाज से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी पहली प्रस्तुति महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ को समर्पित गीत थी, जिसके बोल थे-"बसहा चढ़ल शिव जी अइले बरियतिया, डरवा लागेला, मुहवा में एकहु नइखे दांत।"
इसके बाद उन्होंने एक और लोकगीत प्रस्तुत किया-"कुइयां के ठंढा पानी, पीपल की छांव रे, अइहो परदेसिया सबेरे मोरा गांव रे।" श्रोताओं की विशेष मांग पर उन्होंने होली गीत "फुल गेना के आईल बहार हे रसिया, गेना लगईल बगिया में" प्रस्तुत किया, जिस पर दर्शक झूम उठे।
गोरखपुर के राकेश उपाध्याय केवल भारत ही नहीं, बल्कि दक्षिण अफ्रीका, बैंकाक, मस्कट (ओमान), नीदरलैंड और सिंगापुर जैसे देशों में भी भोजपुरी लोक गायन के माध्यम से भारत का सम्मान बढ़ा चुके हैं।
वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित राकेश उपाध्याय, उत्तर प्रदेश संत कबीर अकादमी के सदस्य हैं। साथ ही, वे संस्कार भारती, गोरखपुर महानगर के मंचीय कला संयोजक के रूप में भी अपनी भूमिका निभा रहे हैं।